भारत के लोकप्रिय अभिनेता नाना पाटेकर ने सशस्त्र सीमा बल (SSB-एसएसबी) के कार्मिकों के कल्याण कार्यों में पहल करने के इच्छुक हैं. उन्होंने सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक कुमार राजेश चन्द्र के साथ दिल्ली स्थित मुख्यालय में मुलाकात की. एसएसबी के पूर्व महानिदेशक कृष्ण चौधरी भी उनके साथ थे. इसके अलावा नाना इंडो तिब्बत बार्डर पुलिस (आईटीबीपी-ITBP) के मुख्यालय भी गए. वहां भी उन्होंने महानिदेशक एसएस देशवाल से मिलकर यही इच्छा जताई. इस मौके पर भी आईटीबीपी के भी महानिदेशक रहे कृष्ण चौधरी उनके साथ थे.

एसएसबी के प्रवक्ता के मुताबिक इस मौके पर एसएसबी के और भी कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. थियेटर के साथ साथ मराठी और हिंदी सिनेमा में अपने अभिनय की धाक जमा चुके अभिनेता नाना एसएसबी के जवानों के सामने आने वाली मुश्किलों और चुनौतियों के बारे जानकारी ली. उन्होंने ऐसे कुछ कदमों के बारे में भी चर्चा की जो वो इनके कल्याणार्थ उठा रहे हैं. एसएसबी की तरफ से स्वागत करते हुए अभिनेता नाना पाटेकर को पौधा भेंट किया गया. बता दें कि नाना पाटेकर कई फिल्मों में पुलिस अफसर के प्रभावी और चर्चित किरदार निभाए हैं.

1963 में स्थापित एसएसबी को एक सीमा बल में परिवर्तित करने के बाद 2001 में भारत-नेपाल सीमा पर और वर्ष 2004 में भारत-भूटान सीमा पर तैनात किया गया. एक नए सीमा बल होने के बाबजूद, सशस्त्र सीमा बल ने सराहनीय कार्य करते हुए, अपनी स्वीकृत कुल 73 बटालियन खड़ी करके उसे संचालित करने में कामयाबी हासिल की. वर्तमान में, भारत-नेपाल और भारत-भूटान सीमाओं पर इसकी 53 बटालियन तैनात हैं.
भारत-नेपाल और भारत-भूटान सीमाओं की सुरक्षा और सीमा क्षेत्र में रहने वाले लोगों के बीच सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देने और सीमावर्ती क्षेत्रो में अपराधों को रोकने के लिए सीमा पर 708 बीओपी (बॉर्डर आउट पोस्ट) स्थापित की है.