कोविड 19 से लड़ाई में मदद के लिए दिल्ली पुलिस ने नये योद्धा तैयार किये

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मध्य दिल्ली पुलिस के उपायुक्त संजय भाटिया ने राजेन्द्र नगर थाने में कोविड 19 वालंटियर स्कीम शुरू की.

वैश्विक महामारी ‘कोविड 19 (COVID 19)’ से युद्ध में अब दिल्ली पुलिस औपचारिक रूप से भी आम लोगों को शामिल कर रही है जिसके तहत कोविड 19 वालंटियर स्कीम शुरू की गई है. मध्य दिल्ली जिले के राजेन्द्र नगर थाने में इस योजना का ऐलान जिले के उपायुक्त (डीसीपी) संजय भाटिया ने किया. आम जनता के बीच में से चुने गये इन वालंटियर्स की फ़ोर्स का मुख्य काम तो सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) बनाये रखने में पुलिस का सहयोग करना होगा लेकिन इनसे और भी कई तरह की मदद ली जा सकेगी.

सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखते हुए दिल्ली में राशन का वितरण

दिल्ली पुलिस के डीसीपी संजय भाटिया ने बताया कि कोविड 19 वालंटियर्स स्कीम के तहत जिले के हरेक थाना क्षेत्र से 10 – 10 नागरिकों को योजना का वालंटियर बनाया गया है जिनमें महिलाएं और पुरुष दोनों ही हैं. ये वालंटियर्स सार्वजनिक जगहों पर सामाजिक दूरी बनाकर रखने में पुलिस की तरफ से किये जाने वाले इंतजाम में मदद करेंगे. इन वालंटियर्स को इसके लिए ट्रेंड किया गया है और इन्हें सावधानी के लिए मास्क, ग्लव्ज़, सेनेटाइज़र आदि साधन भी उपलब्ध कराये गये हैं. इन्हें पहचान के लिए अलग से चिन्ह भी दिए गये हैं जो ये पहने रहेंगे.

कोविड19 वालंटियर्स स्कीम के स्वयंसेवक अपने अपने इलाके में उन घरों पर नज़र रखेंगे जिनमें रहने वालों को क्वारंटाइन किया गया है. इससे, अगर ऐसे परिवार नियमों का उल्लंघन करते हैं तो पुलिस को तुरंत खबर मिल जायेगी और ऐसे लोगों पर तुरंत कानूनी कार्रवाई हो सकेगी. वालंटियर्स से कहा गया है कि ज़रूरी उपभोक्ता सामान की जमाखोरी और मुनाफाखोरी करने वालों पर भी नज़र रखे ताकि लोगों को रोजमर्रा के लिए आवश्यक सामान की कमी न हो. ये वालंटियर्स घर घर जाकर आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप भी लोगों को डाउनलोड करने में मदद करेंगे और इस ऐप का महत्व लोगों को समझायेंगे.

डीसीपी संजय भाटिया ने कहा, ” ये वालंटियर्स पुलिस के आँख, नाक, कान बनके काम करेंगे.” दिल्ली पुलिस असल में इन वालंटियर्स से कोविड 19 संकट से निपटने में हर वो मदद हासिल करेगी जो ये दे सकते हैं. पूरी स्थिति पर नज़र रखने के साथ साथ ज़मीनी हालात और उससे जुड़ी सूचनाएं जमा करने के तंत्र के रूप में ये लोग असरदार तरीके से काम कर सकेंगे- ऐसा अधिकारियों का मानना है.

दरअसल ये योजना कम्युनिटी पुलिसिंग के उस विचार का हिस्सा है जिसके तहत माना जाता है कि पुलिस को अपने काम में स्थानीय लोगों को शामिल करके उनकी मदद लेनी चाहिये औए उनके साथ घुल मिलकर उनकी ज़रूरतों को जानना व पूरा करना चाहिए. ये न सिर्फ पुलिस के रोजमर्रा के काम को आसान बनाता है और इससे क़ानून व्यवस्था बनाए रखने और क्षेत्र की सुरक्षा करने में मदद ही नहीं मिलती है बल्कि पुलिस की छवि भी बेहतर होती है. लोगों में और पुलिस में इससे एक दूसरे के प्रति सेवा भाव और भरोसा भी बढ़ता है.