पहलगाम नरसंहार के जवाब में भारतीय सेना की तरफ से ऑपरेशन सिन्दूर के तहत की गई कार्रवाई से बौखलाया पाकिस्तान क्या सीमा पर चल रहे संघर्ष का फायदा उठाते हुए धार्मिक कार्ड खेलने की साजिश पर काम कर रहा है . आतंकवादियों का पहलगाम में सैलानियों को गोली मारने से पहले उनके धर्म की पुष्टि करना और उसके बाद अब नियंत्रण रेखा पर फायरिंग के दौरान गुरुद्वारे व ईसाई समुदाय के परिसरों को निशाना बनाना भी उसकी इस साजिश का हिस्सा हो सकता है .
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शुक्रवार को मीडिया ब्रीफिंग में जो कुछ बताया उससे तो पाकिस्तान के इसी इरादे का खुलासा होता है . उनका कहना है कि हमले के दौरान पूजा स्थलों को निशाना बनाने के अलावा पाकिस्तान इस मामले में दुष्प्रचार के निचले स्तर तक पहुंच गया है. पाकिस्तान ने इस झूठ को फैलाया कि भारत की तरफ से किए गए हमले में ननकाना साहिब को निशाना बनाने की कोशिश की गई . उन्होंने पाकिस्तान के एक और कुप्रचार का खुलासा किया जिसमें पाकिस्तान भारतीय सेना पर अपने ही शहर अमृतसर में फायरिंग करने की बात फैला रहा है . ननकाना साहिब सिखों के पहले गुरु नानक की जन्मस्थली है और वहां पवित्र गुरुद्वारा है, इसी तरह अमृतसर भी सिखों के लिए पवित्र नगरी है जहां श्री हरमंदिर साहिब है .
श्री मिस्री ने पाकिस्तानी दुष्प्रचार का मज़ाक उड़ाते हुए और इसे सिरे से नकारते हुए कहा कि अपने ही देश के किसी शहर पर हमला करने जैसी बात पाकिस्तान ही सोच सकता है, उसके संदर्भ में तो ऐसी कल्पना की जा सकती है .
उन्होंने बताया कि पूंछ में 7 मई को फायरिंग में गुरुद्वारे पर भी हमला हुआ जिसमें वहां का एक रागी व स्थानीय लोगों की मृत्यु हुई थी . श्री मिस्री ने एक सवाल के जवाब में बताया कि फिलहाल करतारपुर साहिब गलियारा पर भारत की तरफ से आवाजाही बंद रखी गई है .
एल अन्य सवाल के जवाब में विक्रम मिस्री ने 7 मई की सुबह नियंत्रण रेखा पर इसाई समुदाय से जुड़े परिसरों के भी पाकिस्तानी हमले में निशाना बनने की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि भारी गोलाबारी के दौरान, पाकिस्तान की ओर से दागा गया एक गोला पुंछ में कार्मेलाइट्स ऑफ मैरी इमैकुलेट संगठन ( carmelites of mary immaculate congregation ) द्वारा संचालित क्राइस्ट स्कूल के ठीक पीछे गिरा.”
उन्होंने कहा, “दुखद बात यह है कि पाकिस्तान की ओर से दागा गया गोला क्राइस्ट स्कूल के दो छात्रों के घर पर लगा, दुर्भाग्य से दोनों छात्रों की जान चली गई और उनके माता-पिता गंभीर रूप से घायल हो गए.”
विदेश सचिव ने कहा कि एक अन्य गोला मदर ऑफ कार्मेल ( mother of carmel ) से संबंधित ननों के एक ईसाई कॉन्वेंट पर गिरा, जिससे पानी की टंकियां क्षतिग्रस्त हो गईं और सौर पैनल का बुनियादी ढांचा नष्ट हो गया.
विक्रम मिस्री ने कहा, “पाकिस्तान की ओर से की गई गोलाबारी के दौरान कई पुजारी, नन, स्कूल के कर्मचारी और स्थानीय निवासियों ने क्राइस्ट स्कूल के नीचे एक भूमिगत हॉल में पनाह ली. सौभाग्य से, उस समय स्कूल बंद था; अन्यथा और अधिक नुकसान हो सकता था.”