पाकिस्तान ने भारत की टोह लेने और हमले के लिए 300 से 400 ड्रोन लांच किए

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कर्नल सोफिया कुरैशी
पाकिस्तान की तरफ से  8 मई की रात भारतीय सीमाई क्षेत्र में 300 से 400 ड्रोन भेजे किए गए थे. इन ड्रोन का मकसद टोह लेने , ख़ुफ़िया जानकारी जुटाने , भारतीय सुरक्षा प्रणाली का परीक्षण और हमला करना था . भारतीय सेनाओं ने इनमें से ज्यादातर के मंसूबों पर पानी फेर दिया और कुछ को मार गिराया. यही नहीं एलओसी पर भारतीय क्षेत्र में हमले के दौरान बेहद गैर जिम्मेदाराना तरीका आप्नाते हुए  पाकिस्तान ने नागरिक विमान को ढाल की तरह इस्तेमाल किया.

भारत की तरफ से यह आधिकारिक जानकारी , ऑपरेशन सिन्दूर के तहत की जा रही सैन्य कार्रवाई की सूचना देने के लिए होने वाली रोजाना की मीडिया ब्रीफिंग में , कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने आज ( 9 मई 2025) दी . विदेश सचिव विक्रम मिस्री भी इस ब्रीफिंग के लिए उपस्थित थे.

सेना प्रवक्ता ने  पाकिस्तान की तरफ से भेजे गए ड्रोन  के बारे में विस्तारपूर्वक बताया. उन्होंने कहा कि  पाकिस्तान ने  पश्चिमी सीमान्त क्षेत्र में नियंत्रण रेखा के आसपास  36 स्थानों से,  लेह से लेकर सरक्रीक तक  300 से 400 की संख्या में यह  ड्रोन लांच किए  थे. ऐसा करके पाकिस्तान भारतीय वायु प्रणाली को परखना चाहता था, कुछ को सेना ने मार गिराया . ऐसे ही एक ड्रोन के मलबे की जांच करने पर पता चला कि वह तुर्की का  असिस्गार्ड  सोंगर ड्रोन ( asisguard songar) था.    पाकिस्तान की तरफ से तंगधार , पूंछ , उडी ,  मेंडर , राजौरी , अखनूर और उधमपुर में भारी गोलाबारी की गई . भारतीय सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया और 4 सैन्य ठिकानों पर हमला किया जिनमे उसकी वायु रक्षा प्रणाली ( air defence system ) भी नष्ट की गई  ,

कर्नल कुरैशी ने कहा कि 7 मई की रात 8.30 बजे पाकिस्तान ने ड्रोन हमले करते वक्त भी अंतर्राष्ट्रीय सीमा के करीब अपने हवाई क्षेत्र को नागरिक उड़ानों के लिए बंद नहीं किया ताकि नागरिक विमान  को वह हमले से बचने के लिए एक ढाल की तरह इस्तेमाल कर सके. उस वक्त वहां से लाहौर में लैंड होने के लिए नागरिक विमान एयरबस 320 निकला था जिसने कराची से उड़ान भरी थी .  पाकिस्तान ने भारत के बठिंडा एयरबेस को निशाना बनाने की कोशिश की थी . इस मानवरहित विमान को भारतीय सेना ने मार गिराया था .