अमिताभ बच्चन के शो केबीसी में 1 करोड़ जीतने वाला बच्चा पोरबन्दर का एसपी बना

545
आईपीएस बनने के बाद डॉ. रवि मोहन सैनी और दाएं जब उन्होंने केबीसी जूनियर जीता था.

भारतीय टेलीविजन की दुनिया में इतिहास रचने वाले अमिताभ बच्चन के शो कौन बनेगा करोड़पति में 14 साल के जिस बच्चे ने सारे के सारे सवालों के जवाब देकर 1 करोड़ रुपये का इनाम जीतने का इतिहास रचा था, वह अब गुजरात के पोरबंदर का पुलिस अधीक्षक (एसपी) है. नाम हैं डॉ. रवि मोहन सैनी. पुलिस के काम के साथ-साथ शहर की सेहत का ख्याल रखना उनकी फिलहाल की प्राथमिकता है और इस काम में उन्हें अपनी मेडिकल की समझ भी लाज़मी मदद करेगी. जी हाँ, रवि मोहन सैनी बाकायदा मेडिकल डॉक्टर हैं.

आईपीएस अधिकारी डॉ. रवि मोहन सैनी

भारतीय पुलिस सेवा के गुजरात कैडर के 2014 बैच के अधिकारी डॉ. रवि मोहन सैनी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जन्मस्थली वाले शहर पोरबन्दर के एसपी का कार्यभार सम्भालने से पहले गुजरात के राजकोट शहर की ज़ोन नम्बर 1 में डीसीपी के तौर पर तैनात थे. उससे पहले रवि मोहन गुजरात के ही सूरत शहर में ‘जी’ डिवीज़न के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) थे.

2001 में जब रवि मोहन ने अमिताभ बच्चन के सभी 15 सवालों के जवाब देकर 1 करोड़ रुपये की बड़ी धनराशि वाली केबीसी प्रतियोगिता जीती थी तब वो मात्र 14 बरस के थे. ये केबीसी का जूनियर मुकाबला था. लेकिन नियमों-शर्तों के मुताबिक उनको ये पैसा चार साल बाद तब मिला जब वह 18 साल के हुए लेकिन वो भी पूरा नहीं, मिले सिर्फ 69 लाख क्यूंकि बाकी सारा पैसा टैक्स आदि में कट गया था. उस पैसे से परिवार ने एक कार खरीदी, थोड़ी ज़मीन और कुछ पैसा पढ़ाई पर खर्च हुआ. थोडा बचाकर भी रखा गया.

अमिताभ बच्चन के साथ रवि मोहन सैनी जब उन्होंने केबीसी जूनियर जीता था.

राजस्थान के अलवर के रहने वाले 33 वर्षीय आईपीएस रवि मोहन की जीवन यात्रा खुद में दिलचस्प है. रवि मोहन एक फौजी के पुत्र भी हैं. उनके पिता मोहन लाल सैनी भारतीय नैसेना में थे और ऑनरेरी लेफ्टनेंट के तौर पर रिटायर हुए. पिता की नौकरी में पोस्टिंग ही वह वजह रही कि रवि मोहन सैनी की पढ़ाई नौसैनिक स्कूल में हुई. रवि मोहन सैनी आंध्र प्रदेश स्थित समुद्र तटीय शहर विशाखापटनम के नेवल पब्लिक स्कूल के छात्र हैं. उन्होंने राजस्थान की राजधानी जयपुर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस (MBBS) किया लेकिन फौजी पिता जैसी वर्दी पहनने की प्रेरणा ने सम्भवत: उनके करियर पर ज्यादा असर डाला. रवि मोहन ने यूपीएससी परीक्षा में 2012 और 2013 में भी कोशिश की लेकिन अपनी जगह 2014 में बना पाये और रवि मोहन एमबीबीएस से आईपीएस बन गये. इस परीक्षा के नतीजे में उन्हें आल इंडिया में 461 वां स्थान मिला और साथ ही मिला गुजरात कैडर.

डॉ. रवि मोहन सैनी ने अपनी पढाई यहीं से की है.

यूँ बने आईपीएस : 

यूपीएससी की इस परीक्षा को पास करने के बाद डॉ. रवि मोहन सैनी ने मीडिया को बताया था कि एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान उन्हें उनके मित्र उनकी जनरल नॉलेज की तारीफ करते हुए सलाह देते थे कि मुझे यूपीएससी परीक्षा में बैठना चाहिए क्यूंकि मेरा ज्ञान उसको पास करने के लिए काफी है. रवि मोहन ने 2012 में इसके लिए किये पहले प्रयास में ही प्रीलिम्स और मेन पास कर लिया लेकिन फाइनल इंटरव्यू अटक गया. अगले साल 2013 में फिर कोशिश की और सब क्लियर भी हो गया लेकिन रैंक उतना अच्छा नहीं आया लिहाज़ा उनको डाक-संचार, लेखा और वित्त सेवा के लिये सलेक्ट कर लिया गया लेकिन रवि मोहन ये नहीं चाहते थे. लिहाजा 2014 में उन्होंने इसी परीक्षा में फिर से किस्मत आजमाई. रवि मोहन बताते हैं कि यूपीएससी की ये परीक्षा उन्होंने बिना कोचिंग लिए पास की थी.

आईपीएस रवि मोहन सैनी तीन भाई-बहन हैं. उनके बड़े भाई शशि एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और बहन शमा अलवर में टीचर हैं.