आंध्र प्रदेश के पूर्व खुफिया प्रमुख और भारतीय पुलिस सेवा ( indian police service) के वरिष्ठ अधिकारी पी सीताराम अंजनेयुलु को मुंबई की रहने वाली अभिनेत्री कादंबरी जेठवानी के कथित उत्पीड़न के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है .आईपीएस पी सीताराम अंजनेयुलु पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के शासनकाल में उनके करीबी रहे हैं . अंजनेयुलु को विजयवाड़ा पुलिस ने तेलंगाना के हैदराबाद स्थित उनके आवास से मंगलवार को गिरफ्तार किया.
आईपीएस पी सीताराम अंजनेयुलु (IPS P Sitharama Anjaneyulu ) उन तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों में से एक हैं जिन्हें कथित तौर पर बिना उचित जांच के जेठवानी की गलत तरीके से गिरफ्तारी और उत्पीड़न में संलिप्तता के लिए निलंबित कर दिया गया था. यह सितम्बर 2024 की घटना है उनके अलावा इस केस में अंजनेयुलु, विजयवाड़ा के पुलिस कमिश्नर के ओहदे पर रहे क्रांति राणा टाटा और पूर्व उपायुक्त विशाल गुन्नी (डीसीपी ) निलंबित किए गए थे . आरोप है कि उन्होंने के बिना लिखित निर्देश या पर्याप्त सबूत के अभिनेत्री कादम्बरी जेठवानी की गिरफ्तारी का आदेश दिया था . देने के लिए सितंबर 2024 में निलंबित कर दिया गया था.
पुलिस महानिदेशक ( डीजीपी) की रिपोर्ट के आधार पर जारी और मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू द्वारा हस्ताक्षरित निलंबन आदेश में जांच प्रोटोकॉल के लिए स्पष्ट अवहेलना का ज़िक्र किया गया है, एक ऐसे दिलचस्प और हैरान कर देने वाले इस तथ्य का भी पता चला कि गिरफ्तारी के आदेश 31 जनवरी को मौखिक रूप से जारी किए गए थे, और एफआईआर दर्ज होने से पहले ही पुलिस अधिकारियों की यात्रा टिकट बुक किए गए थे.
फिल्म निर्माता और जगन वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सदस्य केवीआर विद्यासागर की शिकायत के बाद अभिनेत्री कादंबरी जेठवानी ( Kadambari Jethwani) और उनके परिवार को 2 फरवरी, 2024 को मुंबई में उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने जेठवानी और उनके परिवार पर धोखाधड़ी, जालसाजी और जबरन वसूली का आरोप लगाया था. विद्यासागर ने आरोप लगाया था कि अभिनेत्री ने अवैध रूप से जमीन हड़पने और उनसे पैसे ऐंठने के लिए जाली दस्तावेज बनाए .
जेठवानी और उनके परिवार को मुंबई से विजयवाड़ा लाया गया, जहाँ उन्होंने जमानत मिलने से पहले 40 दिनों से अधिक समय न्यायिक हिरासत में बिताया. उनके वकील एन श्रीनिवास ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें जमानत के लिए आवेदन करने से रोका और विद्यासागर पर , उन्हें फंसाने के लिए जमीन के दस्तावेज गढ़ने का आरोप लगाया.
जेठवानी ने दावा किया कि गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित थी, लिखित आदेश के बिना की गई थी, और आंध्र प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मौखिक निर्देशों पर आधारित थी. उसने और उसके वकील ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने राजनीतिक प्रभाव में अनुचित तरीके से काम किया और गिरफ्तारी में गंभीर प्रक्रियात्मक उल्लंघन शामिल थे.
अभिनेत्री कादंबरी जेठवानी ने बाद में अगस्त 2024 में एनटीआर जिला पुलिस आयुक्त के पास शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आंध्र प्रदेश के पुलिस अधिकारियों पर उसे और उसके परिवार को अवैध रूप से गिरफ्तार करने और उसके साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया. उसने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने “मुझे मेरे सभी मानवाधिकारों से वंचित किया”, उसे और उसके परिवार को “घसीटा गया, अपहरण किया गया और फेंक दिया गया.”
उसकी शिकायत के बाद, तीन वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा, दो और अधिकारियों, एसीपी हनुमंतराव और सीआई सत्यनारायण को भी निलंबित कर दिया गया.
मार्च में, जेठवानी ने अपने खिलाफ आपराधिक मामला वापस लेने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि पिछली वाई एस आर सीपी सरकार के तहत उनके खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया था, जिसमें राजनीतिक प्रतिशोध और पुलिस के कदाचार का आरोप लगाया गया था. उन्होंने 20 मार्च को राज्य महिला संघ के नेताओं के साथ आंध्र प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से मुलाकात की और मामले को खारिज करने की मांग की.