सुप्रीम कोर्ट में बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर की अर्जी खारिज

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तेज बहादुर
बीएसएफ का बर्खास्त जवान तेज बहादुर

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) के बर्खास्त जवान तेज बहादुर की उस याचिका को ख़ारिज कर दिया जिसमें वाराणसी के निर्वाचन अधिकारी पर इलज़ाम लगाते हुए कहा गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव में फायदा पहुँचाने के लिए उनकी (तेज बहादुर की) उम्मीदवारी का दाखिल किया गया परचा रद किया गया. तेज बहादुर ने वाराणसी से पहले निर्दलीय और फिर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर परचा भरा था.

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से लोकसभा के सदस्य हैं और इस बार भी उन्होंने यहीं से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर परचा दाखिल किया है.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने बर्खास्त जवान की याचिका ख़ारिज करते हुए कहा है कि इस याचिका का कोई आधार नहीं दिखाई दिया. जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना इस खंडपीठ के अन्य सदस्य थे.

बर्खास्त जवान ने याचिका में वाराणसी के निर्वाचन अधिकारी के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें उसके उम्मीदवारी के पर्चे को इस आधार पर ख़ारिज किया गया था क्यूंकि वो सीमा सुरक्षा बल से अपनी बर्खास्तगी के कारण से सम्बन्धित ऐसा दस्तावेज़ी सबूत नहीं ला सका था जिससे साबित होता हो कि बर्खास्तगी का कारण भ्रष्टाचार या देश विरोधी गतिविधियाँ नहीं थीं.

भारत के चुनाव आयोग की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने बर्खास्त जवान की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि ये वक्त से पहले डाली गई है. उन्होंने कहा कि ऐसी याचिका चुनाव के बाद ही डाली जा सकती है. वहीं, तेज बहादुर की तरफ से जाने माने वकील प्रशांत भूषण ने पक्ष रखते हुए कहा कि पूर्व फैसले के मुताबिक याचिका चुनाव आचार संहिता लागू रहने के दौरान भी दायर की जा सकती है. बाद में प्रशांत भूषण ने ने कहा कि उन्हें ये याचिका चुनाव के बाद दायर करने की स्वतंत्रता दी जाये. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो किया जाना था कर दिया गया है, हमें इस याचिका पर विचार करने का कोई आधार नहीं मिला.

उल्लेखनीय है कि सीमा सुरक्षा बल में अपनी तैनाती के दौरान तेज बहादुर ने सुरक्षा बलों के जवानों को मिलने वाले खाने की गुणवत्ता पर सवाल खड़े करते हुए अपना वीडियो बनाया था जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. इसके बाद 2017 में तेज बहादुर बर्खास्त कर दिया गया था.

हरियाणा के रेवाड़ी जिले के एक गाँव के रहने वाले तेज बहादुर को समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस से आई शालिनी यादव की जगह तब टिकट दी थी जब तेज बहादुर आज़ाद उम्मीदवार के तौर पर परचा दाखिल कर चुका था. तेज बहादुर का परचा दूसरी बार में जब रद हुआ तो समाजवादी पार्टी ने शालिनी यादव को फिर से उम्मीदवार बनाया.