भारत को मिला दुनिया का सबसे एडवांस अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर

412
अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर
अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर

दुनिया का सबसे एडवांस लड़ाकू विमान अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर (AH-64E Apache Guardian attack helicopter) भारत को मिल गया है. अमेरिका के एरिजोना में कल हेलीकॉप्टर को औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना (Indian Airforce-IAF) को सौंपा गया. एक समारोह में पहले अपाचे की सुपुर्दगी के मौके पर भारतीय वायुसेना की ओर से एयर मार्शल ए. एस. बुटोला मौजूद थे. भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर फ्लीट के आधुनिकीकरण और भविष्य की जरूरतों की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है.

अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर
अमेरिका के एरिजोना में अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर को औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना (Indian Airforce-IAF) के एयर मार्शल ए. एस. बुटोला को सौंपा गया.

भारत और अमेरिका के बीच ऐसे 22 हेलीकॉप्टर के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर हुए थे. इससे पहले भारतीय वायुसेना को चिकून हैवीलिफ्ट हेलीकॉप्टर भी मिल चुका है. अपाचे गार्जियन का निर्माण अमेरिका के एरिजोना में हुआ है. कहा जा रहा है कि इसकी तैनाती चीन और पाकिस्तान सीमा पर की जाएगी.

बोइंग एएच-64 अपाचे (Boeing AH-64 Apache) अमेरिका का दो टर्बोशाफ्ट इंजन और चार ब्लेड वाला अटैक हेलीकॉप्टर है. यह हेलीकॉप्टर अपने आगे लगे सेंसर की मदद से रात में उड़ान भर सकता है. इसकी पहली उड़ान 30 सितंबर 1975 में हुई थी. यह दुनिया में सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाला अटैक हेलीकॉप्टर है.

बोइंग एएच-64 ई अपाचे को दुनिया का सबसे ताकतवर हेलीकॉप्टर माना जाता है. अमेरिका के अलावा कई देश इसे इस्तेमाल करते हैं. इजरायल, मिस्त्र और नीदरलैंड की सेनाओं के पास भी यह विमान है. अमेरिका ने इसका इस्तेमाल पनामा से लेकर अफगानिस्तान और इराक तक के दुश्मनों से लोहा लेने में किया है. यह विमान एक साथ कई तरह के काम करने में सक्षम है.

एएच-64 ई अपाचे का वजन 5,165 किलोग्राम है, जो 365 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भरता है और बहुत ही तीव्र गति से दुश्मन पर वार करके उसके परखच्चे उड़ा सकता है. इसमें दो जनरल इलेक्ट्रिक टी700 टर्बोशैफ्ट इंजन लगे हैं. विमान में आगे की तरफ लगे सेंटर फिट के कारण यह रात में भी उड़ान भर सकता है.

इसके अलावा हेलीकॉप्टर में हेलिफायर और स्ट्रिंगर मिसाइलें लगी हैं, जिनके पेलोड इतने तीव्र विस्फोटकों से भरे होते हैं कि दुश्मन का बच निकलना नामुमकिन होता है. विमान के दोनों तरफ 30 एमएम की दो गन लगी हैं. इसके अंदर दो पायलटों के बैठने की जगह होती है. इसकी डिजायनिंग इस तरह से की गई है कि इसे यह युद्ध क्षेत्र में किसी भी परिस्थिति में टिका रह सकता है.

खास बातें

चालक दल : 2 (पायलट और सह पायलट/गनर)
लंबाई : 17.73 मीटर
रोटर व्यास : 48 मीटर
ऊंचाई : 3.87 मीटर
डिस्क क्षेत्र : 168.11 मीटर
खाली वजन : 5,165 किलोग्राम
उपयोगी भार : 8,000 किलोग्राम
अधिकतम उड़ान वजन : 10,433 किलोग्राम
धड़ की लंबाई : 15.06 मीटर
रोटर प्रणाली : 4 ब्लेड मुख्य रोटर, 4 ब्लेड पूंछ रोटर
पावर प्लांट : 2 × जनरल इलेक्ट्रिक टी700-जीई-701 टर्बोशाफ्ट, 1,690 अश्वशक्ति
इससे अधिक गति कभी नहीं: 365 किमी/घंटा
अधिकतम गति: 293 किमी/घंटा
क्रूज गति: 265 किमी/घंटा
रेंज: 476 किमी/घंटा धनुष रडार मस्तूल के साथ
फेरी रेंज: 1,900 किमी

भारतीय वायुसेना में 4 चिनूक हेलीकॉप्टर की पहली खेप शामिल, जानिए खूबियां