56 साल पहले आज ही के दिन यानि 9 अप्रैल 1965 को गुजरात में कच्छ के रण में सरदार पोस्ट पर लड़े गये युद्ध के शहीदों की याद में देशभर में केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के ग्रुप केन्द्रों और विभिन्न परिसरों में कार्यक्रम आयोजित किये गये. इस अवसर पर मुख्य कार्यक्रम सुबह दिल्ली में हुआ जहां सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप सिंह ने चाणक्यपुरी स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित किया.
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इसके बाद दिन में एक अलंकरण समारोह में वीरता और साहसपूर्ण काम करने वाले जवानों को और शहीद जवानों के परिवारों को मेडल प्रदान किये गये. सरदार पोस्ट युद्ध में हिस्सा लेने वाले सीआरपीएफ के रिटायर जवान किशन सिंह को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया. ये कार्यक्रम सीआरपीएफ संस्थान ‘शौर्य’ में किया गया था.
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इस अवसर पर सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप सिंह ने कहा कि सीआरपीएफ ने अब तक कामयाबी के बहुत से मील के पत्थरों को हासिल किया है जिसका श्रेय उन शहीदों और पूर्व सैनिकों को जाता है जिन्होंने राष्ट्र सेवा के संकल्प के साथ अदम्य साहस की गाथा लिखी. उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ हमेशा 2235 शहीदों का ऋणी रहेगा जिन्होंने कर्तव्य की बलि बेदी में अपने प्राण न्योछावर कर दिए हैं.
ये है शौर्य दिवस की कहानी :
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शौर्य दिवस पर सीआरपीएफ अपने उन सात रणबांकुरों को याद करती है जिन्होंने अपने मुट्ठी भर साथियों के साथ दुश्मन की आधुनिक और खतरनाक हथियारों से लैस भारी भरकम सेना का मुकाबला करते अपनी जान दे दी थी. इतना ही नहीं हमला करने वाले पाकिस्तानी सैनिकों में से 34 को मार डाला था और 4 को ज़िन्दा काबू करके गिरफ्तार कर लिया था. ये सरदार पोस्ट की तब की घटना है जब वहां सीआरपीएफ की सिर्फ 2 कम्पनी फ़ोर्स थी और हमला करने वाली पाकिस्तानी मिलिट्री ब्रिगेड थी.