दिल्ली हवाई अड्डे पर एक अमेरिकी के लिए CISF का ASI देवदूत बन गया

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अमेरिकी के लिए CISF का ASI देवदूत बना
एएसआई पार्थ सारथी (पीएस) पाल

अमेरिका के निवासी एक सीनियर सिटिज़न के लिए केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल – सीआईएसएफ (CISF) का एक सहायक उप निरीक्षक देवदूत के रूप में प्रकट हुआ और उनकी जान बचाने में मददगार साबित हुआ. घटना भारत की राजधानी दिल्ली की है. इस अमेरिकन नागरिक का नाम है फ्रैंक रुस्सेल और उनकी जान बचाने वाले सीआईएसएफ के एएसआई हैं पार्थ सारथी (पीएस) पाल.

घटना राजधानी के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे की है जिसकी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सीआईएसएफ के पास है. और दिनों की तरह गुरुवार यानि 5 जुलाई को भी पार्थ सारथी ड्यूटी पर थे. रात करीब 10 बजे का वक्त था जब वहां मुम्बई से जेट एयरवेज़ की फ्लाइट से अमेरिकन यात्री 68 वर्षीय फ्रैंक रुस्सेल पहुंचे. उन्हें पेरिस जाने के लिए एयर फ्रांस की फ्लाइट पकड़नी थी. लिहाज़ा इंटरनेशनल ट्रांसफर के लिए वो टर्मिनल से पैदल जा रहे थे. अचानक आगंतुक गेट के पास (वी आई पी निकास की तरफ) चलते चलते उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वहीं गिर गए. तभी, वहां तैनात एएसआई पार्थ सारथी की जैसे ही उन पर नज़र पडी तो वो दौड़ कर उन तक पहुंचे. फ्रैंक रुस्सेल बेहोशी की हालत में थे और उनकी सांस भी रुक चुकी थी. पार्थ सारथी ने बिना कोई देरी किये फ़ौरन उन्हें खुद सीपीआर दिया जैसा कि CISF और अन्य बलों में ट्रेनिंग के दौरान सिखाया जाता है. सीना जोर जोर से दबाया और कृत्रिम सांस दी.

सीआईएसएफ के प्रवक्ता हेमेन्द्र सिंह ने बताया कि कुछ ही देर में फ्रैंक रुस्सेल सामान्य अवस्था में आ गये. इसके साथ ही मेदान्ता अस्पताल के डाक्टर को भी बुलवा लिया गया जिन्होंने फ्रैंक रुस्सेल को प्राथमिक उपचार दिया. इसके बाद उन्हें पास के गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल भेज दिया गया जहां उन्हें इलाज के लिए भर्ती किया गया है और उनकी हालत खतरे से बाहर है.

ASI पार्थ सारथी
अमेरिकी के लिए CISF का ASI पार्थ सारथी बन गया

इस घटना में बेहतरीन भूमिका और सूझबूझ का प्रदर्शन करने वाले युवा एएसआई पार्थ सारथी अब फ़ोर्स और परिचितों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं. वहीँ, सीआईएसएफ के महानिदेशक राजेश रंजन ने, किसी शख्स की बेशकीमती जान बचाने वाले ASI पार्थ सारथी की तारीफ़ की और उन्हें महानिदेशक की कमेंडेशन डिस्क से सम्मानित करने का ऐलान किया है.

इसी तरीके से कुछ दिन पहले दिल्ली ट्रैफिक पुलिस में तैनात सहायक उप निरीक्षक श्रीराम और उनके साथियों ने एक टैक्सी ड्राइवर की जान बचाई थी जब उसे कार चलाते वक्त दिल का दौरा पड़ा था.

क्या होता है सी पी आर ?

कार्डियो पल्मनरी रिससिटेशन यानि Cardiopulmonary Resuscitation (CPR) आपात परिस्थितियों में उपयोग की जाने वाली एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत, दिल का दौरा पड़े व्यक्ति का सीना बार बार दबाया जाता है और उसे मुंह से मुंह लगाकर कृत्रिम सांस दी जाती हैं. इससे मरीज़ के दिल और मस्तिष्क में खून का रुका दौरा बढ़ जाता है. ऐसा उन मामलों में किया जाता है जब दिल का दौरा पड़ने से मरीज़ प्रतिक्रिया न कर रहा हो या उसकी सांस बंद हो जाये या उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही हो.

व्यस्क मरीज़ के मामले में उसके सीने को ताकत के साथ 5 से 6 सेंटीमीटर पीठ की तरफ दबाया जाता है. ये स्पीड और ताकत से की जाने वाली प्रक्रिया है. ऐसा एक मिनट में सौ से सवा सौ बार करना होता है. अगर मरीज़ सांस नहीं ले पा रहा हो तो उसे साथ ही साथ मुंह से मुंह सटाकर या फिर अपने मुंह से नाक के ज़रिये सांस दी जाती है. इससे मरीज़ का ब्लड प्रेशर कायम करने में और सांस चलाये रहने में मदद मिलती है और मस्तिष्क को चलाये रखा जा सकता है और उसे नुकसान पहुँचने से बचाया जा सकता है.