एसएन श्रीवास्तव दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर बने, कमिश्नर बनने की राह पर

328
आईपीएस अधिकारी एसएन श्रीवास्तव दिल्ली के विशेष पुलिस आयुक्त (क़ानून व्यवस्था) बने.

भारतीय पुलिस सेवा के अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम-संघ शासित क्षेत्र (AGMUT – एजीएमयूटी) कैडर के 1985 के अधिकारी एसएन श्रीवास्तव (सच्चिदानन्द श्रीवास्तव) को दिल्ली पुलिस में विशेष पुलिस आयुक्त तैनात किया गया है. नये नागरिकता क़ानून के पक्ष विपक्ष में भिड़े गुटों से राजधानी में बने हिंसक हालात के बीच सच्चिदानन्द श्रीवास्तव को विशेष पुलिस आयुक्त (क़ानून व्यवस्था) की ज़िम्मेदारी दी गई है. दिल्ली पुलिस के वर्तमान आयुक्त अमूल्य पटनायक भी इसी कैडर और बैच के आईपीएस हैं और इसी महीने सेवा विस्तार की समाप्ति के बाद उन्हें रिटायर होना है. समझा जा रहा है कि उनकी रुखसती के बाद देश की राजधानी की पुलिस की कमान सच्चिदानन्द श्रीवास्तव को सौंपी जायेगी. ऐसे हालात में आईपीएस सच्चिदानन्द श्रीवास्तव के लिए दिल्ली के हालात चुनौती और परीक्षा की घड़ी साबित होंगे.

आईपीएस अधिकारी एसएन श्रीवास्तव की नियुक्ति का आदेश.

सच्चिदानन्द श्रीवास्तव को आज ही केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) से अचानक सेवामुक्त किया गया जहां वह विशेष महानिदेशक (प्रशिक्षण) के पद पर थे. उम्मीद की जा रही थी कि दिल्ली पुलिस में उनकी वापसी श्री पटनायक की विदाई परेड के वक्त होगी.

दिल्ली में जिला और मुख्यालय स्तर पर विभिन्न अहम ओहदों पर काम चुके स्पेशल कमिश्नर सच्चिदानन्द श्रीवास्तव अनुभवी अधिकारी होने के साथ साथ दिल्ली, इसके हालात और यहाँ की पुलिस व्यवस्था से बखूबी परिचित हैं. सीआरपीएफ मुख्यालय में तैनाती से पहले सच्चिदानन्द श्रीवास्तव सीआरपीएफ में जम्मू कश्मीर के प्रभारी थे. दिल्ली में वह लम्बे समय तक उत्तरी और मध्य जिलों में तैनाती के अलावा आईपीएस सच्चिदानन्द श्रीवास्तव मुख्यालय में और अन्य पदों पर काम का अनुभव रखते हैं.

केन्द्रीय गृह मंत्रालय से आदेश जारी होने के बाद उनकी नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है. उनके काम सम्भालने के साथ साथ, हिंसाग्रस्त दिल्ली के इलाकों के लिए पुलिस ने नये और कड़े आदेश जारी कर दिए हैं. इस बीच हिंसा में मरने वालों की तादाद 11 तक पहुँच गई है. इन्हीं 11 में थे हवलदार रतन लाल जिन्हें पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक समेत तमाम अधिकारियों और साथियों ने न्यू पुलिस लाइंस स्थित शहीद स्मारक पर आखिरी सलाम करके श्रद्धांजलि अर्पित की. दंगाइयों ने सोमवार को हमला करके उन्हें मार डाला था.