दिल्ली में तैनात भारतीय थल सेना के कर्नल पुष्पिन्दर सिंह बाठ ( col pushpinder singh bath) और उनके बेटे पर पंजाब पुलिस के कार्मिकों के किए गए हमले के केस की जांच करने वाले विशेष जांच दल की अगुआई भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी मंजीत श्योराण को सौंपी गई है . मंजीत एजीएमयूटी कैडर के 2015 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और वर्तमान में चंडीगढ़ पुलिस में पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय ) के पद पर तैनात हैं . उनके पास चंडीगढ़ पुलिस के कई अनुभागों का प्रभार भी है .
पंजाब -हरियाणा हाई कोर्ट ( punjab and haryana high court) के निर्देश का पालन करते हुए , इस केस की जांच पंजाब पुलिस से चंडीगढ़ पुलिस को सौंपी गई थी. कोर्ट ने साथ ही सुनिश्चित करने को कहा था कि जांच में पंजाब पुलिस से सम्बद्ध किसी अधिकारी का दखल नहीं हो . चंडीगढ़ पुलिस को इस मामले की जांच करने की चार महीने की मोहलत कोर्ट ने दी है .
चंडीगढ़ के डीजीपी का प्रभार संभाल रहे राज कुमार सिंह ( ips raj kumar singh ) ने कहा कि अदालत के आदेश के अनुसार, एजीएमयूटी कैडर के अधिकारी मंजीत श्योराण ( majeet sheoran) को मामले की जांच का प्रभार दिया गया है और वे इस पर आगे की रिपोर्ट पेश करेंगे. आईपीएस मंजीत श्योराण ( ips manjeet sheoran ) वर्तमान में चंडीगढ़ में पुलिस अधीक्षक (एसपी) के पद पर तैनात हैं, जहां वे मुख्यालय, खुफिया, आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू), संचार और सहायक कमांडेंट जनरल/होमगार्ड के पदों का काम संभाले हुए हैं . जांच दल में चंडीगढ़ पुलिस के एक उपाधीक्षक (डीएसपी) , एक इंस्पेक्टर और एक सब-इंस्पेक्टर व् अन्य की टीम है.
इससे पहले कर्नल बाठ ने मामले की केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानि सीबीआई जांच की मांग करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आदेश दिया कि जांच का नेतृत्व एजीएमयूटी कैडर के आईपीएस अधिकारी द्वारा किया जाए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पंजाब कैडर का कोई अधिकारी इसमें शामिल न हो.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “याचिकाकर्ता और पंजाब सरकार के विद्वान वकील इस बात पर सहमत हैं कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए एफआईआर (सुप्रा) की जांच चंडीगढ़ में तैनात आईपीएस अधिकारी को सौंपी जा सकती है, न कि पंजाब कैडर से, ताकि मौजूदा याचिका में शामिल विवाद को सुलझाया जा सके.”
कर्नल पुष्पिंदर बाठ और उनके बेटे पर हमला ( attack on col bath) करने का इलज़ाम पंजाब पुलिस के दर्जन भर कर्मियों के ऊपर है . यह घटना पिछले महीने (मार्च 2025 ) पंजाब के पटियाला की है जब पुलिस कर्मियों और कर्नल बाठ के बीच कार पार्किंग में विवाद हुआ था. यह पुलिस कर्मी अपहरण के एक केस में , अपहृत को छुड़ाने के दौरान हुई , मुठभेड़ के बाद लौटे पटियाला लौटे थे. पुलिसकर्मियों ने कर्नल बाठ से अपनी कार उस जगह से हटाने को कहा था क्योंकि पुलिसकर्मी आपना वाहन वहां खड़ा करना चाहते थे . विवाद इतना बढ़ गया कि पुलिसकर्मियों ने पिता पुत्र को बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया . कर्नल बाठ ने अपना परिचय भी दिया और सेना का आइडेंटिटी कार्ड भी दिखाया . बावजूद इसके पुलिसकर्मी अपनी हरकत से बाज़ नहीं आए .
पूरे घटनाक्रम का वीडियो घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी के कैमरे में रिकॉर्ड हो गया. पंजाब पुलिस ने वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के और वरिष्ठ अधिकारियों के दखल के बाद केस की एफआईआर दर्ज की. लेकिन कर्नल बाठ और उनका परिवार पंजाब पुलिस के अधिकारियों के इस मामले में अपनाए गए रुख से संतुष्ट नहीं था. बाठ परिवार पंजाब के गवर्नर ( governor of punjab) गुलाब चंद कटारिया से मिला और हाई कोर्ट का दरवाज़ा भी खटखटाया.