स्वतंत्रता दिवस की ख़ुशी मनाते डांस करने पर पुलिसकर्मी सस्पेंड

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नागपुर तहसील थाने में स्वतंत्रता दिवस् के मौके पर डांस करते पुलिसकर्मी सस्पेंड किये गए

थाना परिसर में स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए 15 अगस्त को आयोजित कार्यक्रम के दौरान ख़ुशी में डांस करते इन चार पुलिसकर्मियों ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि उनके  जोश व प्रतिभा की जिस तरह तारीफ हो रही है कुछ ही घंटों बाद माहौल इसका एकदम उलटा हो जाएगा . हिंदी फिल्म  के मशहूर गाने ‘ खईके पान बनारस वाला …’ की धुन पर  नाचने का उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जो पुलिस के बड़े बड़े अफसरों को नागवार गुजरा. लिहाज़ा इसे अनुशासनहीनता मानते  हुए  चारों पुलिसकर्मियों को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया गया.

यह घटना महाराष्ट्र के शहर नागपुर में तहसील थाने की है .  निलंबित अधिकारियों में सहायक उप निरीक्षक (एएसआई)  संजय पाटनकर, हवलदार (हेड कांस्टेबल)  अब्दुल कय्यूम गनी के अलावा दो  महिला पुलिसकर्मी भाग्यश्री गिरी और कांस्टेबल निर्मला गवली शामिल हैं. 15 अगस्त को थाना परिसर में हुए  उनके नृत्य प्रदर्शन को रिकॉर्ड किया गया और सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया, जिससे वर्दीधारी अधिकारियों के  इस तरह के कृत्य के औचित्य पर बहस छिड़ गई.  जहां कुछ लोगों ने इस अवसर का आनंद लेने के अधिकारियों के अधिकार का बचाव किया, वहीं अन्य ने पुलिस बल में शिष्टाचार और अनुशासन की आवश्यकता का हवाला देते हुए इस तरह के काम की आलोचना की.

वीडियो ने वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया तो  पुलिस आयुक्त रविंद्र कुमार सिंघल  ( police commissioner ravindra kumar singhal) ने गंभीर कार्रवाई कर डाली. उन्होंने मंगलवार को, सर्किल 3 के प्रभारी पुलिस उपायुक्त राहुल मदाने (dcp rahul madane ) को इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा जिसके बाद चारों पुलिसकर्मियों के निलंबन आदेश जारी किए गए.

निलंबन आदेश में पुलिस अधिकारियों के लिए गरिमापूर्ण और अनुशासित छवि बनाए रखने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया, खासकर जब वे वर्दी में हों. इसमें यह भी कहा गया कि इसी तरह के मामलों पर पिछली चेतावनियों के बावजूद, इन अधिकारियों के कार्यों ने पुलिस बल की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है.  परिणामस्वरूप, उन्हें तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है.

चारों को वर्तमान ड्यूटी से हटाकर पुलिस लाइन्स में इंस्पेक्टर के सामने रोज़ाना सुबह शाम हाजरी लगानी है. उनसे आईडी कार्ड और रेंक्स  ले लिए गए हैं. वह तीन महीने तक वर्दी भी नहीं पहन सकते .  इस दौरान उनको आधा वेतन  मिलेगा और उसी अनुपात में महंगाई भत्ता मिलेगा . उनको मिलने वाले  बाकी सभी भत्तों पर इस दौरान रोक रहेगी.

कार्रवाई की आलोचना :
कुछ लोग पुलिसकर्मियों के खिलाफ हुई इस कार्रवाई को गलत या ज्यादा सख्त सजा मान  रहे हैं क्योंकि  ऐसे किसी मामले में इस तरह की संभवत पहले कोई कार्रवाई देखी सुनी नहीं गई. दूसरा इसमें कोई भौंडापन नया फूहड़ता भी नहीं न्दिखाइन दी.  यूं भी पुलिस , सेना और अन्य कई वर्दीधारी बलों के कर्मियों की कला , नृत्य आदि प्रतिभा का प्रदर्शन सार्वजनिक मंचों पर,  कार्यक्रमों में , टीवी शो में होता रहता है जिसकी रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर भी उपलब्ध है . बल्कि ऐसे कई प्रोग्राम में तो बिभिन्न बल के कर्मी आधिकारिक तौर पर हिस्सा लेते हैं . ट्रैफिक पुलिसकर्मियों   के तो सड़कों पर , चौराहों पर नृत्य जैसे भाव भंगिमाओं के साथ यातायात नियंत्रित के वीडियो वायरल हैं.