हाई कोर्ट ने केन्द्रीय प्रशासनिक पंचाट यानि (कैट-CAT) के उस आदेश के अमल पर फिलहाल रोक लगा दी है जिसमें पंजाब के पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता की नियुक्ति को गलत माना गया था. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि दिनकर गुप्ता अभी पुलिस प्रमुख बने रहेंगे और इस मामले की सुनवाई अब 26 फरवरी को होगी. हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार, केंद्र सरकार और संघ लोक सेवा आयोग को इस सम्बन्ध में नोटिस जारी किया है.
इस मामले की सुनवाई जस्टिस जसवंत सिंह और जस्टिस संत प्रकाश सिंह की अदालत में चल रही है. अदालत ने पंजाब सरकार को कहा है कि वो एफिडेविट में उन अधिकारियों का ब्योरा दे जिनको उसने पुलिस प्रमुख बनाये जाने के लायक समझा और इसके लिए जिनके नाम की लिस्ट संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी-UPSC ) के पास भेजी गई. ये निर्देश तब दिए गये जब बहस के दौरान कहा गया कि यूपीएससी को भेजी गई सामग्री में पूरे तथ्य नहीं थे.
अदालत ने यूपीएससी को भी ये बताने के लिए एफिडेविट दाखिल करने को कहा है कि पुलिस प्रमुख के तौर पर सीमित अधिकारियों के नाम पर ही क्यूँ विचार किया जाता है. कोर्ट ने ऐसा तब पूछा जब इस मामले में सुनवाई के दौरान बताया गया कि 30 साल से ज्यादा अनुभव वाले सभी अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी -ADGP) पुलिस प्रमुख बनाये जाने के काबिल माने जा सकते हैं.
गौरतलब है कि दिनकर गुप्ता को पंजाब पुलिस का प्रमुख बनाये जाने को उनसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों मोहम्मद मुस्तफा और सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने कैट में चुनौती दी थी. मोहम्मद मुस्तफा का तो नाम तक भी पंजाब सरकार ने यूपीएससी के पास विचार के लिए नहीं भेजा था.