चेन्नई पुलिस कोरोना वायरस को साथ लेकर घूम रही है

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कोरोना वायरस (COVID - 19 ) के खिलाफ लड़ाई में अनूठे ढंग से योगदान कर रहे चेन्नई पुलिस के इन्स्पेक्टर रमेश बाबू.

दक्षिण भारत के तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में सड़कों पर चलता फिरता और दिखाई देने वाला कोरोना वायरस (COVID – 19 ) मौजूद है. जितनी ये लाइन चौंकाने वाली है, उतना ही चौंकाने वाला ये वायरस भी है क्यूंकि इसे अपने साथ लेकर घूम रही है चेन्नई की पुलिस. ये नज़ारा देखकर कुछ लोग हैरान होते हैं और कुछ बेशक डरते हैं लेकिन सोचते तो सभी हैं. इसे साथ लेकर चलने के पीछे पुलिस का मकसद भी यही है. लोग इसके बारे में सोचें और ज़रूरी सावधानी बरतें.

अनूठे अंदाज में लोगों को जागरूक कर रहे इन्स्पेक्टर रमेश बाबू.

असल में ये कोरोना वायरस के मॉडल वाला एक हेलमेट है जिसे सिर पर पहनकर चेन्नई पुलिस के इन्स्पेक्टर रमेश बाबू सड़क पर निकल जाते हैं. पैदल जाते पुलिसकर्मी को हेलमेट पहने देखकर तो लोगों का चौंकना लाज़मी है ही, सफ़ेद, लाल और काले रंग के कोरोना वायरस को हेलमेट के ऊपर मौजूद होना तेज रफ्तार से वाहनों में जाते लोगों को भी एकबारगी तो आकर्षित कर रुकने को मजबूर कर ही देता है. इस हेलमेट को पहनने के पीछे पुलिस का उद्देश्य लोगों में कोरोना वायरस के प्रति जागरूक करना है ताकि लोग कोरोना वायरस के खतरे को हमेशा याद रखें.

इन्स्पेक्टर रमेश बाबू.

हेलमेट चेन्नई में रहने वाले आर्टिस्ट गौतम ने बनाया है. गौतम का कहना है कि लोग COVID – 19 से हो रहे खतरे को उतनी गम्भीरता से नहीं ले रहे जितना कि लेना चाहिए और दूसरी तरफ पुलिस रात दिन 24 घंटे काम कर रही है और सुनिश्चित कर रही है कि लोग घर से बाहर न निकलें और सुरक्षित रहें. इसी को ध्यान में रखते हुए गौतम ने टूटे हुए पुराने हेलमेट को कागज़ व गत्ते का इस्तेमाल कर उसे कोरोना वायरस का आकार दिया ताकि इसे पहने इन्स्पेक्टर रमेश बाबू को आते जाते इसे देख लोगों को सावधानी बरतना याद रहे. गौतम ने कोरोना वायरस के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कुछ संदेश भी बनाये हैं.

कोरोना वायरस के मॉडल का हेलमेट पहनने वाले चेन्नई पुलिस के इन्स्पेक्टर रमेश बाबू का कहना है कि हम तमाम कोशिश कर रहे हैं लेकिन लोग फिर भी सड़कों पर आने से बाज़ नहीं आते. हम कोरोना वायरस वाला हेलमेट सड़क पर पहनकर इसलिए निकल रहे हैं ताकि लोग पुलिस की हिदायतों को गम्भीरता से लें. ये हेलमेट कुछ अलग सा करने का एक प्रयास है. इन्स्पेक्टर बाबू का कहना है इसे देखते ही राहगीरों के जहन में एकदम कोरोना वायरस आ जाता है. खासतौर से बच्चे तो देखते ही अपने अभिभावकों को बोलते हैं कि घर चलो.