कश्मीर में सीआरपीएफ जवानों ने मुसीबत में फंसे परिवार की यूँ मदद की

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जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर भूस्खलन में फंसे परिवार को राशन-दूध मुहैया कराया सीआरपीएफ ने.

अपने नाम को अपने काम के ज़रिये बार बार साबित कर रही केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ-CRPF) की मददगार हेल्पलाइन इस बार एक ऐसी महिला और उसके बच्चों के लिए देवदूत बनी जो जम्मू कश्मीर में कड़ाके की ठंड के बीच एक और मुसीबत में फंसे हुए थे. ये मुसीबत थी अचानक हुआ ज़बरदस्त भूस्खलन. उन्हें मदद पहुँचने के लिए सीआरपीएफ के जवानों ने 12 किलोमीटर का पहाड़ी रास्ता पैदल तय किया.

जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर भूस्खलन में फंसे परिवार की मदद को आगे आए सीआरपीएफ जवान.

ये घटना जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर भूस्खलन से जुड़ी है. यहाँ रविवार को रामबन के डिगडोल इलाके में रास्ता रुका हुआ था और कई वाहन फंस गये थे जो न आगे और न पीछे जा पा रहे थे. इनमें आसिफा और उसके तीन बच्चे भी थे जो श्रीनगर से जम्मू जाने के लिए निकले थे. देर से फंसा हुआ ये परिवार भूखा प्यासा था. सीआरपीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि आसिफा नाम की महिला ने मददगार हेल्पलाइन डेस्क पर काल करके हालात बताये थे. इसके बाद निकटववर्ती सीआरपीएफ टुकड़ी को सूचित करके उन्हें वहां की तरफ भेजा गया लेकिन उनका वाहन आगे नहीं जा पा रहा था.

ठंड और रास्ता जाम जैसे हालात में फंसे महिला और तीन बच्चों तक जल्द सहायता पहुंचाने के लिए सीआरपीएफ जवानों ने 12 किलोमीटर का ये फासला पैदल ही पूरा करने का फैसला लिया क्यूंकि वो परिवार घबराया हुआ भी था. जवानों की इस टीम का नेतृत्व सीआरपीएफ की 157वीं बटालियन के निरीक्षक रघुवीर कर रहे थे. इनके पहुँचने पर, मुसीबत में फंसे, परिवार की जान में जान आई. जवान दूध और खाने पीने का सामान साथ लेकर गये थे. इस मदद के लिए आसिफ़ा ने तहे दिल से, देवदूत बनकर आये सीआरपीएफ जवानों का शुक्रिया अदा किया. इस घटना की संक्षित जानकारी सीआरपीएफ ने ट्विटर पर भी पोस्ट की है जिसमें आसिफा के परिवार की तस्वीरें भी हैं.

दिल को छू लिया :

इससे एक दिन पहले ही कश्मीर में एक और वाकया हुआ जो आपके दिल को छू जाएगा. हुआ ये कि श्रीनगर के रहने वाले परवेज अहमद को उसके नवजात बच्चे के लिए खून की जरूरत थी. परवेज अहमद काफी परेशान थे क्योंकि उन्होंने कई लोगों से मदद मांगी और लोग मदद को तैयार भी थे लेकिन उनका वो ब्लड ग्रुप नहीं था जो बच्चे को ज़रूरत थी. बच्चे का ब्लड ग्रुप ओ नेगेटिव (O-ve) था जो किसी के ब्लड से मैच नहीं कर रहा था.

ऐसे हालात में परेशान परवेज अहमद ने ‘CRPF मददगार’ से सहायता मांगी और बच्चे को ब्लड डोनेट करने की बात कही. जब ये यह बात सीआरपीएफ की 79वीं बटालियन के इंस्पेक्टर ज्ञान चंद को पता चली तो उन्होंने मदद के लिए हाथ बढ़ाया. ज्ञान चंद बिना किसी तरह की देरी के तुरंत जीबी पंत अस्पताल पहुंचे और उन्होंने नवजात बच्चे के लिए रक्तदान किया.

सीआरपीएफ की 79वीं बटालियन के इंस्पेक्टर ज्ञान चंद जरूरतमंद को अपना रक्त दान करते हुए.

ऐसी है मददगार :

आरपीएफ की हेप्लाइन 2017 में तब शुरू हुई थी जब कश्मीर के कुछ जिलों में सुरक्षा बलों पर पथराव की घटनाएं लगातार हो रहीं थी. उन हालात में सीआरपीएफ ने स्थानीय लोगों की हेल्पलाइन के ज़रिये तरह तरह से मदद करना शुरू किया. किसी मरीज़ को अस्पताल में खून की ज़रुरत हो या बर्फ़बारी में फंसे परिवार को बचाना हो या रास्ते में फंसी एम्बुलेंस के मरीज़ को तत्काल राहत पहुंचानी हो – ऐसे कई घटनाएँ तब से सामने आई हैं. इनमे से कुछ तो रक्षक न्यूज़ भी प्रकाशित करता रहा है.