कश्मीर में सीआरपीएफ के सिपाही डूबती नगीना के लिए फ़रिश्ते बने

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नगीना (दाएं) को ऐसे बचाया गया.

“आज सुबह उत्तरी कश्मीर के कुंजर (बारामुला) के चनपुरा में हमारी ड्यूटी थी. ड्यूटी के दौरान एक औरत का चीख पुकार सुना. मैं और मेरा साथी अपना हथियार हेलमेट आदि वहाँ रखकर नदी के अंदर छलांग लगाकर डूबा हुआ औरत को बचा लिया.” गैर हिन्दी भाषी क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ-CRPF) के उस जवान कांस्टेबल एम जी नायडू ने एक सांस में और चुनिन्दा शब्दों में पूरी कहानी बेशक आसानी से बयान कर दी लेकिन ये इतना आसान नहीं था.

जवानों ने नदी से निकालकर उसे प्राथमिक उपचार दिया और फिर उसे उसके परिवार के हवाले कर दिया. सीआरपीएफ जवानों की इस वीरता का वीडियो वायरल हो रहा है. वहीँ सीआरपीएफ ने ऐलान किया है कि अपनी जान की परवाह किये बगैर अपने कर्तव्य से भी बढ़कर लड़की की जान बचाने वाले दोनों सिपाहियों को बल के महानिदेशक की तरफ से अवार्ड देकर सम्मानित किया जाएगा.

ये हैं जांबाज जवान जिन्होंने जान की परवाह न करते हुए नगीना को बचा लिया.
सीआरपीएफ जवानों द्वारा बेटी को बचाए जाने की जानकारी देता शरीफ दीन.

दरअसल यह जम्मू कश्मीर में फिरोजपुरा का नाला था. जिसका बहाव बहुत तेज था. क्योंकि चनपुरा के ऊपरी इलाके में बारिश बहुत तेज हुई थी. इसी नाले के पास खानाबदोश गुज्जर समुदाय के मोहम्मद शरीफ दीन अपने परिवारजनों और मवेशियों के साथ डेरा डाले हुए थे. वैसे वह जम्मू के नगरोटा का रहने वाले है. शरीफ दीन ने बताया कि सुबह उसकी 13 साल की बेटी नगीना कपडे धोने नाले पर गई थी. इसी दौरान उसका दुपट्टा पानी में गिर गया जिसको निकालने की कोशिश में उसका पैर फिसल गया और वह नाले में गिर गई. पानी का बहाव तेज होने से वह खुद को संभाल नहीं पाई और संतुलन बिगड़ने से गिर गई.

तेज़ बहाव में बहने पर बुरी तरह डरी नगीना ने मदद के लिए पुकार लगानी शुरू की. नगीना की चीख पुकार और शोर सुनकर, पास में ही सीआरपीएफ की 176 वीं वाहिनी के शिविर में मौजूद जवान फिरोज़पुरा नाले कि तरफ भागे. इनमें से दो सिपाहियों एमजी नायडू और एन. उपेंद्रा ने नाले में छलांग लगा दी. हालांकि इस दौरान एक जवान तेज़ बहाव वाले पानी में गिर भी गया लेकिन उन्होंने बह रही नगीना को पकड लिया और बचा लिया.

नगीना के पिता शरीफ ने सीआरपीएफ जवानों के प्रति आभार जताते हुए कहा कि वे हमारे लिए फरिश्ते बनकर आए हैं. उनकी बहुत बहुत मेहरबानी है. मुझे तो लगा था कि आज मेरी बेटी बचेगी नहीं.