आखिरी सलाम ..! सेना का जांबाज़ ज़ूम यूं ज़िन्दगी की जंग हार गया

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दुखद : आतंकवादियों की गोलियों से घायल बहादुर ज़ूम ने इलाज के दौरान वीरगति प्राप्त की.

दो आतंकवादियों को उनके अंजाम तक पहुँचाने में मदद करने वाला भारतीय सेना का जांबाज़ ज़ूम (zoom) आखिर ज़िन्दगी की जंग हार गया. उसकी उम्र सिर्फ दो साल थी. दो गोलियां लगने के बाद उसका काफी रक्तस्राव भी हुआ था. एडवांस्ड फील्ड वेटेरनरी अस्पताल (54 एएफवीएच – 54 AFVH ) अस्पताल में इलाज के दौरान चौथे दिन दोपहर को ज़ूम ने अंतिम सांस ली.

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बहादुर ज़ूम की फाइल फोटो

सोमवार को कश्मीर के अनंतनाग में टंगपवा क्षेत्र के एक मकान में छिपे दो आतंकवादियों का पता लगाने के लिए सूचना सुरक्षा बलों ने ज़ूम को भेजा था. ज़ूम ने एक आतंकवादी का न सिर्फ पता लगाया बल्कि उस पर हमला भी किया. आतंकवादी ने गोलियां चलाई जिसमें से दो ज़ूम को लगीं लेकिन इस हालत में भी ज़ूम ने दूसरे छिपे आतंकवादी को भी खोज निकाला. इसके बाद वो लौटा और बेहोश हो गया. तब तक उसका खून काफी बह चुका था. गोलियां ज़ूम की टांगों में लगी थीं. सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ के दौरान दोनों आतंकवादियों को भी मार दिया था.

सेना के अधिकारी ने बताया कि घायल ज़ूम का सोमवार से इलाज चल रहा था. बृहस्पतिवार सुबह 11 .45 बजे तक भी वो रेस्पॉन्ड कर रहा था लेकिन फिर अचानक हांफने लगा और 12 बजे उसके प्राण निकल गए. सेना के अधिकारियों का कहना है कि हमने टीम का एक ऐसा बहादुर सदस्य खो दिया है जो हमें हमारा काम पूरे संकल्प और साहस के साथ करने की प्रेरणा देता था.