भारत – नेपाल सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल ( sashastra seema bal ) की टीमों को हाल में हुई नाव दुर्घटना में बचाव के काम के लिए तारीफ मिल रही है. हालांकि कठिन परिस्थितियों के कारण इस रेस्क्यू ऑपरेशन से ज्यादा राहत नहीं मिल सकी. कुछ लोग ही बचाए जा सके और कुछ अभी भी लापता है. बचाव और राहत कार्य में यूं तो विभिन्न सरकारी एजेंसियां काम कर रही हैं लेकिन एसएसबी ने जिस तरफ तरह से पहल कर तेज़ गति से कार्रवाई करते हुए अपने साधनों का इस्तेमाल करके एहम भूमिका निभाई उसके लिए इस बल की सराहना की जा रही है .
यह हादसा उत्तर प्रदेश के बहराइच ज़िले में 29 अक्टूबर की शाम कौडियाला ( kaudiyala ) नदी में हुआ . बैस लोग एक नाव में सवार हो इसे पार कर रहे थे .उस वक्त नदी का बहाव तेज था और उसमें एक पेड़ भी गिरा हुआ था. नाव इससे टकराकर पलट गई. शुरुआत में इनमें से 13 लोग बच सके , एक महिला का शव मिला. दुबे एक व्यक्ति का एक शव और मिला.
नाव पलटने की यह दुर्घटना कतरनियाघाट वाइल्ड लाइफ रेंज ( katarniaghat wildlife range ) के भरतपुर गांव के पास हुई . एक बारिश और उसके बाद जंगली हाथियों के कारण लापता लोगों की खोजबीन के काम में बचाव टीमों को चुनौतियों का सामना करना पद रहा था . एसएसबी की 70 वीं बटालियन ( ssb 70 batallion) की जिन दो टीमों ने अभियान की शुरुआत की उनमें से एक का नेतृत्व डिप्टी कमांडेंट अरुण मेवाड़ा कर रहे थे और दूसरी का इन्स्पेक्टर मुनिन बरुआ कर रहे थे.













