उत्तराखंड में घर घर जाकर पुलिस महिलाओं के फोन पर ये ऐप डाउनलोड करवा रही है

201
उत्तराखंड पुलिस
महिला के मोबाइल में मोबाइल ऐप गौरा शक्ति डाउनलोड करती उत्तराखंड पुलिस

उत्तराखंड पुलिस ने महिलाओं की मदद के लिए लांच की गई मोबाइल ऐप गौरा शक्ति अब घर घर जाकर महिलाओं के स्मार्ट फोन पर डाउनलोड करवानी शुरू की है. इस काम की ज़िम्मेदारी में तैनात की गई महिला पुलिसकर्मी दिलचस्पी से लगी हुई हैं. गौरा शक्ति ऐप के फीचर्स महिलाओं को अपनी सुरक्षा में सामने आने वाली चुनौती और प्रतिकूल परिस्थितियों में मदद पहुँचाने के हिसाब से बनाए गए है. उत्तराखंड में अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद, खास तौर से कामकाजी, महिलाओं की सुरक्षा और प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने में मदद करने के मकसद से गौरा शक्ति ऐप बनाई गई है.

बीते साल यानि 2022 के आखरी महीनों में लांच की गई उत्तराखंड पुलिस की गौरा शक्ति ऐप को नए साल 2023 में ज्यादा से ज्यादा महिलाओं के फोन पर डाउनलोड कराने का अभियान छेड़ा गया है. रक्षक न्यूज़ की ऐसी ही महिला पुलिसकर्मियों के एक टीम से उत्तराखंड के जिला हरिद्वार में मुलाक़ात की. रानीपुर थाने में तैनात सहायक उप निरीक्षक राजेश कुमारी के नेतृत्व में ये टीम शिवलोक कालोनी में सर्वे करके ये पता लगा रही थी कि किस किस महिला ने गौरा शक्ति ऐप डाउनलोड की है. जिस महिला ने इसे डाउनलोड नहीं किया है उसे ये टीम डाउनलोड करने को कहती है या ऐसा करने में मदद करती है.

उत्तराखंड पुलिस
सहायक उप निरीक्षक राजेश कुमारी के नेतृत्व में वह टीम जो इस अभियान में लगी है.

एएसआई राजेश कुमारी कहती हैं कि हम इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि हमें जो भी महिला मिले उसके स्मार्ट फोन पर गौरा शक्ति ऐप (Gaura Shakti App ) हो. अपने मातहत पुलिस कर्मियों से तो वो ये काम कराती ही हैं खुद भी इसमें जुट जाती हैं. अस्सी के दशक में उत्तराखंड पुलिस (uttrakhand police) में भर्ती हुई राजेश कुमारी पुलिस की सेवा में आई अपने परिवार की पहली सदस्य हैं. कोशिश तो सिविल अधिकारी बनने की थी लेकिन उसमें कामयाब नहीं हो पाई. राजधानी देहरादून के क्षेत्र में ही रहने वाली राजेश कुमारी के साथ घटनाक्रम कुछ ऐसे हुए जिससे उन्होंने खाकी वर्दी धारण करना बेहतर समझा. हालांकि उन्होंने पत्रकारिता में भी डिग्री हासिल की लेकिन एक अखबार में इन्टर्न शिप करने से ज्यादा कदम आगे नहीं बढ़ाया.

गौरा शक्ति ऐप :

उत्तराखंड में सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों में काम कर रही महिलाओं की सुरक्षा और पंजीकरण के लिए उत्तराखंड पुलिस ने गौरा शक्ति ऐप (Gaura Shakti App Uttarakhand) लांच किया था. राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने ऐप लांच करते वक्त पुलिस महानिदेशक (dgp – डीजीपी) अशोक कुमार को महिला सुरक्षा पर ख़ास ध्यान देने के निर्देश दिए थे. इस ऐप को लांच करने की तमाम कवायद को, अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद राज्य सरकार की महिला सुरक्षा के लिए की गई एक पहल के तौर पर देखा जा रहा है. महिला सुरक्षा के मद्देनजर उत्तराखंड की कामकाजी महिलाओं के लिए गौरा शक्ति ऐप पर रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया.

गौरा शक्ति ऐप में दिए गए कई तरह के फीचर्स के मुताबिक़ कामकाजी महिलाएं खुद पंजीकरण कर सकती हैं. निजी सेक्टर में नौकरी करने वाली महिलाएं अपनी और संस्थान की जानकारी इस ऐप में दर्ज कर सकती हैं. इससे पुलिस के जरिए राज्य सरकार के पास महिलाओं और उनसे संबंधित कंपनियों का डाटा मौजूद रहेगा. इसके अलावा महिलाएं इसके माध्यम से अपने साथ होने वाले अत्याचार और दुर्व्यवहार की शिकायत भी कर सकती हैं. गौरा शक्ति ऐप में कई तरह की सहूलियत हैं. महिलाएं इसमें उपलब्ध टोल फ्री नंबर पर कॉल करके किसी भी समय मदद ले सकती हैं. वहीं इसमें नजदीकी पुलिस थाने की लोकेशन और नंबर भी उपलब्ध है. ऐप में पुलिस विभाग के अधिकारियों के नंबर भी हैं, जहां से महिलाएं सीधे वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क कर सकती हैं.

उत्तराखंड पुलिस
सहायक उप निरीक्षक राजेश कुमारी

अफसरों से लेकर सीएम तक की नज़र :

उत्तराखंड की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने गौरा शक्ति ऐप लांचिंग को सरकार की एक शानदार पहल बताते हुए कहा कि ये बेटियों के लिए एक अच्छा कदम है. गौरा शक्ति ऐप महिलाओं के पास ऐप के रूप में वह शक्ति होगी, जिसके माध्यम से वे सुरक्षित रहेंगी. उन्होंने जानकारी दी कि सरकार की इस ऐप की मॉनिटरिंग शासन स्तर से की जाएगी. जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को इसकी जिम्मेदारी दी गई है. ऐप के ज़रिए से महिलाओं से मिली शिकायतों पर जिलाधिकारी एवं पुलिस अधिकारी संज्ञान लेंगे और उन्हें मुख्यमंत्री को भी समय-समय पर इसकी रिपोर्ट देनी होगी.

जेसिका लाल हत्या कांड की याद दिलाता है अंकिता हत्याकांड ;

उत्तराखंड का अंकिता हत्याकांड नब्बे की दशक में भारत की राजधानी दिल्ली में हुए जेसिका लाल हत्याकांड की याद ताज़ा करा देता है. दोनों ही केस में मुलजिम बड़े बाप की औलादें हैं. हालांकि दोनों केस में कत्ल करने का तरीका अलग है लेकिन पूरे मामले में कुछ समानताएं भी हैं. जेसिका का हत्यारा मनु शर्मा कांग्रेस के नेता और पूर्व मंत्री विनोद शर्मा का बेटा था तो अंकिता के केस में मुख्य आरोपी पुलकित आर्य भारतीय जनता पार्टी के नेता और मंत्री विनोद आर्य का बेटा है. जेसिका को गोली मारी गई थी लेकिन अंकिता को पानी में डुबोया गया. उसका शव वारदात के 6 दिन बाद 24 सितंबर को एक नहर से मिला था. दोनों ही केस का ताल्लुक बड़ी दावतों और आतिथ्य सत्कार से जुडा है. जेसिका ने पार्टी का वक्त पूरा हो जाने पर मनु को और ड्रिंक्स देने से मना किया था तो अंकिता ने किसी वीआईपी को कुछ ख़ास सेवा देने से इनकार किया था. पुलिस का कहना है कि पुलकित ने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया है.