द्वितीय विश्वयुद्ध में हिस्सा लेने वाले भारतीय सैनिकों की याद में इटली में स्मारक बना

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इटली में यशवंत घाडगे सनडायल मेमोरियल का अनावरण

द्वितीय विश्व युद्ध में इटली अभियान के दौरान जान गंवाने वाले भारतीय सैनिकों के सम्मान में स्मारक बनाया गया है. स्मारक को यशवंत घाडगे मेमोरियल ( yeshwant ghadge memorial ) नाम दिया गया है. इस युद्ध में शूरवीरता दिखाते हुए बलिदान हुए भारतीय सैनिक यशवंत घाडगे की याद में एक विशेष पोस्ट कार्ड भी जारी  किया गया है . यशवंत घाडगे को विक्टोरिया क्रॉस से भी सम्मानित किया गया था.

इटली के पेरुगिया प्रांत (province of perugia) प्रान्त में मोनटोने इलाके में इस स्मारक का अनावरण इटली में भारत की राजदूत डॉ नीना मल्होत्रा ने 22 जुलाई 2023 को किया. इस अवसर पर  मोनटोने के मेयर , भारतीय और इटली के सैनिक अधिकारी , दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी और सैन्य इतिहासकार भी उपस्थित थे. इटली अभियान को इटली की आज़ादी भी कहा जाता है . मोनटोने में यह स्मारक सूर्य घडी की तरह बनाया गया है.   मोनटोने की रणभूमि में स्थापित इस स्मारक को भारत और इटली के बीच विशेष रिश्ते की शुरुआत की निशानी भी कहा जा सकता है .

इटली के मोनोटोने में  भारतीय सैनिकों के सम्मान में बनाए गए इस  स्मारक पर भारतीय सेना की पट्टिका भी लगाई गई है.  स्मारक पर इटैलियन (italian) में ‘ओमिनेस सब ओडेम सोल’ ( omnes sub eodem sole) लिखा  हुआ है.  इसका मतलब है कि ‘हम सभी एक सूरज के नीचे रहते हैं’.

यशवंत घाडगे की याद में पोस्ट कार्ड

यशवंत घाडगे की शूरवीरता :

यशवंत घाडगे ब्रिटिश इंडियन आर्मी की  5 महरट्टा लाइट इन्फेंटरी ( 5 mahratta light infantry) में थे.  वीरतापूर्ण काम के कारण उनको 1941 में तरक्की देकर सिपाही से नायक बना दिया गया था. 10 जुलाई 1944 को नायक यशवंत घाडगे इटली की अपर टीबेर घाटी ( upper tiber valley ) में राइफल सेक्शन की कमान संभाले हुए थे जब दुश्मन सैनिकों ने उन पर बेहद करीब से मशीनगन से ज़बरदस्त गोलीबारी कर दी  . यशवंत को छोड़कर सभी सैनिक इस हमले में मारे गएया घायल होगये  थे. बिना कोई हिचकिचाहट के और बिना वक्त गंवाए नायक यशवंत घाडगे मशीन गण की तरफ दौड़े. पहले उन्होंने वहां हथगोला फेंका जिससे मशीनगन और उसे चलाने वाला धराशायी हो गया . यशवंत घाडगे ने उस दल के एक और सैनिक को गोली से उड़ा  दिया. आखिर में जब मशीनगन की गोलियां खत्म हो गई और नई मैगजीन लोड करने का वक्त न देख उन्होंने आमने सामने की भिडंत में बचे हुए दो और सैनिकों को भी मार  डाला . इसी बीच दुश्मन के एक छिपे स्नाइपर ने दूर से  उन पर गोली चलाई और यशवंत घाडगे कुर्बान हो गए .

यशवन्त घाडगे मूलत महाराष्ट्र  के रायगढ़  ज़िले के मनगांव के रहने वाले थे. यहां तहसील में उनकी प्रतिमा भी लगी हुई है . 

इटली में यशवंत घाडगे सनडायल मेमोरियल का अनावरण भारतीय राजदूत नीना मल्होत्रा ने किया