C-295 एक नई पीढ़ी का परिवहन विमान है जिसका उपयोग एयरलिफ्ट संचालन के लिए किया जाता है. इसमें आधुनिक तकनीक और एवियोनिक्स है और यह शायद अपनी श्रेणी में सबसे अच्छा वर्तमान प्रकार है, जिसमें 9.5T का पेलोड है. सी-295 विमान को एचएस 748 एवरो की जगह भारतीय वायुसेना में शामिल किया जा रहा है.
सी-295 परियोजना भारतीय निजी उद्योग के लिए एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि यह अपनी तरह की पहली परियोजना है जिसमें एक निजी कंपनी द्वारा भारत में एक पूर्ण सैन्य विमान का निर्माण किया जाएगा.
टाटा परिसर के उद्घाटन के अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज की पहली भारत यात्रा है और दोनों देशों के बीच साझेदारी को आज एक नई दिशा मिल रही है. सी-295 विमान के निर्माण के लिए टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स के उद्घाटन का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे न सिर्फ दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत होंगे, बल्कि ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ के मिशन को भी रफ्तार मिलेगी. श्री मोदी ने इस अवसर पर एयरबस और टाटा की पूरी टीम को अपनी शुभकामनाएं दीं. प्रधानमंत्री ने स्वर्गीय रतन टाटा को श्रद्धांजलि भी दी.
प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि सी-295 विमान का कारखाना नए भारत की नई कार्य संस्कृति का प्रतिबिंब है और कहा कि देश में किसी भी परियोजना के विचार से लेकर क्रियान्वयन तक भारत की गति यहां देखी जा सकती है. अक्टूबर 2022 में कारखाने के शिलान्यास को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सुविधा अब सी-295 विमान के उत्पादन के लिए तैयार है.
अपने संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि आज का कार्यक्रम भारत और स्पेन के बीच कई नई संयुक्त सहयोग परियोजनाओं को प्रेरित करेगा. उन्होंने स्पेनिश उद्योग और नवोन्मेषकों को निमंत्रण दिया और उन्हें भारत आने और देश की विकास यात्रा में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया.
इससे पहले, एक्स पर एक पोस्ट में, भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उद्घाटन के मौके को भारतीय एयरोस्पेस उद्योग के लिए एक विशेष दिन बताया. उन्होंने लिखा , “सी-295 परियोजना भारतीय निजी उद्योग के लिए एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि यह अपनी तरह की पहली परियोजना है जिसमें एक निजी कंपनी द्वारा भारत में एक पूर्ण सैन्य विमान का निर्माण किया जाएगा. यह परियोजना भारत के बढ़ते एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र को बड़ा बढ़ावा देगी”.
भारत में टीएएसएल को 40 विमान बनाने के लिए कांट्रेक्ट मिला है. यह सुविधा देश में सैन्य विमानों के लिए निजी क्षेत्र की पहली फाइनल असेंबली लाइन (एफएएल) बन गई है. इसमें निर्माण से लेकर असेंबली, परीक्षण और योग्यता, विमान के पूरे जीवनचक्र की डिलीवरी और रखरखाव तक एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र का पूर्ण विकास शामिल होगा.
यह सुविधा दो साल से भी कम समय में बनाई गई है. प्रधानमंत्री मोदी ने अक्टूबर 2022 में वडोदरा में सी-295 विमान निर्माण सुविधा की आधारशिला रखी थी. प्री-एफएएल उत्पादन दिसंबर 2024 से शुरू होगा और एफएएल असेंबली अक्टूबर 2025 से शुरू होगी.
‘मेक इन इंडिया’
भारत में बनने वाले 40 विमानों के लिए, सी-295 घटकों, उप-असेंबली और एयरो संरचना के प्रमुख घटक असेंबली का पर्याप्त अनुपात भारत में निर्मित करने की योजना है. एक विमान में इस्तेमाल होने वाले 14,000 में से 13,000 पुर्जे हिस्से भारत में बनाए जाएंगे. एयरबस द्वारा कुल 37 कंपनियों की पहचान की जा चुकी है, जिनमें से 33 एमएसएमई हैं।
पहले 16 विमानों में स्वदेशी सामग्री 48% होगी, और भारत में बनने वाले 24 विमानों में यह बढ़कर 75% हो जाएगी. सभी 56 विमान इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से लैस होंगे, जिसका निर्माण भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड द्वारा स्वदेशी रूप से किया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके स्पेनिश समकक्ष पेड्रो सांचेज ने इस अवसर पर प्रदर्शनी देखी .डीआरडीओ इस आयोजन के हिस्से के रूप में आयोजित प्रदर्शनी में भारतीय तटरक्षक बल के लिए मल्टी-मिशन मैरीटाइम एयरक्राफ्ट (एमएमएमए) और भारतीय नौसेना के लिए मीडियम रेंज मैरीटाइम रिकॉनेसेंस (एमआरएमआर) एयरक्राफ्ट नामक अपनी नवीनतम समुद्री निगरानी प्रणाली प्रदर्शित कर रहा है. एमएमएमए और एमआरएमआर विशेष मिशन विमान हैं, जिन्हें डीआरडीओ के सेंटर फॉर एयरबोर्न सिस्टम्स (सीएबीएस) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है, जिसमें विभिन्न डीआरडीओ प्रयोगशालाओं से अत्याधुनिक उन्नत सेंसर और संचार सूट हैं।
एमएमएमए और एमआरएमआर संशोधित सी-295 पर आधारित है और इसके बीच त्रि-मार्गी सहयोग है।