चलती हुई हावड़ा एक्सप्रेस में सेना की अधिकारियों ने कराई डिलीवरी

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हावड़ा एक्सप्रेस में सेना की इन्हीं दो नर्सिंग अधिकारियों ने महिला की सफल डिलीवरी कराई.

इस घटना के बाद सब यही कह रहे थे-जाको राखे साइयां मार सके न कोय. ये कहावत हम यदा-कदा सुनते और पढ़ते रहते हैं. उसी कड़ी में ये एक दिलचस्प घटना और जुड़ गई जब चलती हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन में सफर कर रही एक महिला के अचानक प्रसव पीड़ा हुई. महिला और उसके तथा बच्चे की जान पर बन आई.

घटना दरअसल आज की ही है जब हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन में सफर कर रही एक गर्भवती को पीड़ा होने लगी. अभी उसके प्रसव का समय नहीं था लेकिन सफ़र के दौरान अचानक उसे प्रसव पीड़ा होने लगी. न तो इतना समय था कि महिला को अस्पताल ले जाया जा सके और न ही आसपास अस्पताल था. ये इत्तेफाक ही था या कहा जाए कि महिला और उसके बच्चे की किस्मत की उसी ट्रेन में भारतीय सेना की कैप्टेन ललिता और कैप्टेन अमनदीप भी सफ़र कर रही थीं. भारतीय सेना में ये दोनों नर्सिंग अधिकारी भी हैं. दोनों उस कोच में पहुँचीं जहां महिला दर्द से तड़प रही थी.

कैप्टेन ललिता और कैप्टेन अमनदीप ने वहां मौजूद साधनों के ज़रिये ही प्रसव प्रक्रिया कराने का इरादा बनाया क्यूंकि वक्त जाया करने से महिला या बच्चे की जान को खतरा हो सकता था. दोनों युवा अधिकारियों की सूझबूझ से सुरक्षित डिलीवरी हुई. माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.

हावड़ा एक्सप्रेस में आज सुबह चलती ट्रेन में प्रसव कराने की इस घटना के बारे में, भारतीय सेना के जनसूचना के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजीपीआई) ने ट्वीट करते हुए बताया कि कैप्टेन ललिता और कैप्टेन अमनदीप 172 मिलिटरी अस्पताल में तैनात हैं. एडीजीपीआई ने इस कार्य के लिए प्रशंसा करते हुए, माँ बच्चे के साथ कैप्टेन ललिता और कैप्टेन अमनदीप की फोटो भी जारी की है.