असम पुलिस ने भारतीय सेना ( indian army ) के एक मेजर और उसकी पत्नी को एक नाबालिग लड़की से घरेलू कामकाज कराने के दौरान गुलाम की रखने और तरह तरह की यातनाएं देने के इलज़ाम में गिरफ्तार किया है. लड़की और उसके परिवार वालों ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि उसे कई तरीके से यातनाएं दी गई थीं. उसे पीटा गया , उस पर गर्म पानी फेंका गया और उसको नग्न तक किया गया . यह लड़की असम की रहने वाली है. गिरफ्तार किये गए मेजर शैलेन्द्र यादव और उसकी पत्नी किमी रालसन को असम की अदालत ने न्यायिक हिरासत में जेल में रखने का आदेश दिया है .
मेजर शेलेन्द्र यादव ( maj shailendra yadav ) फिलहाल हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में तैनात हैं और इस कथित ‘टॉर्चर ‘ की घटनाएं भी भी वहीं की हैं लेकिन इसका खुलासा तब हुआ जब यह लड़की असम में अपने घर पहुँची.उसकी शिकायत पर असम पुलिस ने दीमाहसाव में केस दर्ज किया है . एफ आई आर में आरोपियों पर गंभीर चोटें मार कर घायल करने के अलावा भी खतरनाक धाराएं लगाई गई हैं . हाफलोंग में दर्ज इस एफ आई आर ( 74 /2023 ) की में धाराओं में 326 (जानबूझकर गंभीर चोट पहुँचाना ) , 374 ( अवैध रूप से जबरन काम कराना ) , 354 ( महिला के शीलभंग के इरादे से महिला पर आपराधिक शक्ति का इस्तेमाल करना ) , धारा 370 ( गुलाम बनाने के लिए किसी को खरीदना बेचना ) आदि शामिल हैं .
दरअसल मेजर शैलेन्द्र यादव पहले असम के दीमा हसाव में ही तैनात थे . इसी दौरान वहां किम्मी रालसन से शादी की. अब जब यहां से उनका तबादला हिमाचल प्रदेश हुआ तो उनकी पत्नी किम्मी इस लड़की को नौकरानी बनाकर असम के उसके गांव से साथ ले गई. हाल ही में जब यह लड़की लौटी तो उसकी हालत देख कर परिवार वाले परेशान हो गए . उसके दांत टूटे हुए थे , नाक में फ्रेक्चर था , बदन पर जले के निशान थे , उसकी जीभ पर कटे होने के निशान थे . दांत टूटने और नाक पर चोट के बारे में तो अभियुक्तों का कहना है कि लडकी सीढ़ियों से गिरी थी .
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लड़की ने तो यहां तक इलज़ाम लगाया है कि कहने के लिए मांगने पर उसे बचा हुआ और कूड़े में फेंका गया खाना भी दिया गया . अक्सर उसे पहनने को पूरे कपड़े भी नहीं दिए जाते थे . यही नहीं 16 साल की इस लड़की ने अपनी शिकायत में इतना तक कहा कि उसे कपड़े उतार कर पिटाई की गई और जब खून निकला तो वह चटवाया गया . उसे बेलन से मारा जाता था . लड़की और उसके परिवार ने मीडिया वालों से बात करते हए यह भी इलज़ाम लगाया कि लड़की को मारपीट कर कमरे में बंद करके ताला भी लगाया जाता था.
दीमा हसाओ के पुलिस अधीक्षक मयंक कुमार ( sp of Dima Hasao ) ने बताया कि इस केस में बाल अधिकार उल्लंघन कानून पोस्को ( posco act) और एससी /एसटी एक्ट की धाराएं भी लगाई गई हैं . श्री कुमार ने लड़की और परिवार वालों के हवाले से बताया कि लड़की के साथ इस तरह के व्यवहार का सिलसिला तकरीबन 6 महीने से चल रहा था .