पाकिस्तान में पकड़े गए बीएसएफ जवान के परिवार को आस : पाकिस्तानी रेंजर के बदले छूटेगा पूर्णम कुमार

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सीमा पर पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा गिरफ्तार सीमा सुरक्षा बल का सिपाही पूर्णम कुमार ( फाइल फोटो )
भारत -पाकिस्तान की पंजाब सीमा पर पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा गिरफ्तार कर लिए गए सीमा सुरक्षा बल  ( border security force – bsf) के जवान पूर्णम कुमार की  रिहाई को लेकर उनके परिवार को कुछ उम्मीद बंधी है. परिवार को लग रहा है कि हाल में राजस्थान सीमा में पकडे गए पाकिस्तानी सुरक्षा कर्मी की रिहाई के बदले में पूर्णम कुमार की वापसी हो सकती है . वैसे पाकिस्तान के एक नागरिक मोहम्मद हुसैन को भी हाल ही में भारतीय सीमा में घुसपैठ करते हुए पकड़ा गया जो अब पंजाब पुलिस की हिरासत में है .
40 वर्षीय पूर्णम कुमार 17 साल से बीएसएफ ( bsf) में  है  और 24 वीं बटालियन में तैनात सिपाही है. फिलहाल उसकी तैनाती  फिरोजपुर के ममदोट सेक्टर में  पाकिस्तान सीमा के पास थी .  वह सीमा पर बाड़ के पास अपने खेतों में काम कर रहे किसानों की सुरक्षा की ड्यूटी पर  ‘किसान गार्ड’ टीम में था . किसान जब काम कर रहे थे तो पूर्णम कुमार आराम करने के लिए पास के एक के नीचे चला गया लेकिन उसे पता ही नहीं चला कि यह पेड़ पाकिस्तानी सीमा में है .  उस जगह की सुरक्षा में पाकिस्तान रेंजर्स  तैनात थे जिन्होंने पूर्णम को अपने क्षेत्र में देख पकड़ लिया और अपने साथ ले गए . यह घटना  जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों की तरफ से किए गए नरसंहार से अगले दिन यानि 23 अप्रैल  की  है .
लापता पूर्णम के बारे में पता करने के लिए पूर्णम की पत्नी रजनी को पहले तो बीएसएफ के अधिकारियों  के चक्कर काटने पड़े क्योंकि कोई भी उनको सही स्थिति बता नहीं पा रहा था. आम तौर पर भारत – पाकिस्तान बॉर्डर  ऐसी घटनाएं होती रहीं हैं जब गलती से कोई सुरक्षाकर्मी दूसरे के देश वाले भू भाग में चला जाता है और वहां हिरासत में ले लिया जाता है . बॉर्डर पर तैनात दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी आपस में फ्लैग मीटिंग (flag meeting) करके इस तरह के मामले सुलझा लेते हैं लेकिन पहलगाम हमले के बाद उपजे तनाव के कारण यह नहीं हो सका . रजनी  28 अप्रैल को बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने और अपने पति की वापसी के विकल्पों पर चर्चा करने के लिए रिश्तेदारों के साथ पंजाब के पठानकोट में बीएसएफ कैंप गई थीं.
पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा गिरफ्तार बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार की पत्नी रजनी

पूर्णम का परिवार पश्चिम बंगाल के हुगली जिले का रहने वाला है. पूर्णम का एक छोटा बेटा है और  पत्नी रजनी वर्तमान में तीन माह की गर्भवती भी है.  रजनी  ने सोमवार (5 मई, 2025) को वहां के स्थानीय मीडियाकर्मियों से कहा, “अब [हिरासत में लिए गए पाकिस्तानी रेंजर का परिवार] भी समझ जाएगा कि पिछले 11 से 12 दिनों से हमारा परिवार किस स्थिति में है. वह परिवार भी उसी स्थिति में होगा. उम्मीद है कि वे अपनी सरकार पर उसकी रिहाई के लिए दबाव डालेंगे और मेरे पति को अदला-बदली में वापस करने के लिए सहमत होंगे.” अफसरों ने उनको एक हफ्ते में कुछ नतीजा निकलने का भरोसा दिया था. लेकिन राजनयिक स्तर पर तनाव के कारण बात कुछ ख़ास आगे नहीं बढ़ सकी. भारतीय अधिकारियों का कहना था कि पाकिस्तान का पक्ष इस मामले में कोई रुचि नहीं ले रहा. बॉर्डर स्तर पर बात आगे नहीं नहीं बढ़ पा रही.

वहीं इत्तेफाक यह हुआ कि  बीएसएफ नें  3 मई को, राजस्थान में भारत-पाकिस्तान सीमा पर  एक पाकिस्तानी रेंजर को पकड़ लिया. ऐसे में माना जा रहा है कि उस रेंजर को भारत से छुड़ाने की जब पाकिस्तान कोशिश करेगा तो भारत बदले में पूर्णम की रिहाई की शर्त रखेगा. वैसे इसी बीच एक और घटना में बीएसएफ  ने पंजाब बॉर्डर से भारत में घुसे एक पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद हुसैन को धर दबोचा और फिर पंजाब पुलिस के हवाले कर दिया.

पंजाब बॉर्डर से भारत में घुसे एक पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद हुसैन से मिला उसका पासपोर्ट

उधर  पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार पूर्णम की शीघ्र वापसी के लिए प्रार्थना कर रही है.  सुश्री बनर्जी ने कहा, “यह एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. तृणमूल [कांग्रेस] सांसद कल्याण बनर्जी श्री साहू के परिवार के संपर्क में हैं. हमारी सरकार भी उनके संपर्क में है, हमें उम्मीद है कि श्री साहू को जल्द से जल्द वापस लाया जा सकेगा.”

बीएसएफ जवान के पिता भोलानाथ  ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और केंद्रीय रक्षा मंत्री पर भरोसा है कि वे 3 मई की घटना के बाद उचित कदम उठाएंगे. दूसरी तरफ रजनी ने अपने पति की रिहाई के लिए बीएसएफ के महानिदेशक दलजीत सिंह से दिल्ली में मिलने के लिए समय  मांगा है .