लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कालिता को भारतीय थल सेना की पूर्वी कमान का चीफ ऑफ़ स्टाफ बनाया गया है. जनरल कालिता असम से ताल्लुक रखने वाले ऐसे दूसरे भारतीय फौजी अफसर हैं जिन्हें पूर्वी कमान की जिम्मेदारी सौंपी गई है. लेफ्टिनेंट जनरल कालिता ने कोलकाता में फोर्ट विलियम में शुक्रवार को कार्यभार संभाला. पूरा का पूरा पूर्वोतर प्रांत पूर्वी कमान के तहत आता है.
लेफ्टिनेंट जनरल कालिता असम के गोलपाड़ा स्थित सैनिक स्कूल के छात्र रहे हैं. सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल और अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित जनरल कालिता जम्मू कश्मीर में बारामूला स्थित 19 वीं इनफेंट्री डिवीज़न के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी -GOC) रहे हैं और उरी हमले के वक्त भी वो कश्मीर में जीओसी थे. असम के रंगिया में जाने माने अध्यापक जोगेन्द्र कालिता और रेनू कालिता के घर जन्मे राणा प्रताप कालिता ने जून 1984 में 9 कुमाऊं रेजिमेंट में कमीशन हासिल किया.
लेफ्टिनेंट जनरल कालिता ने अलग अलग अहम ओहदों पर रहते हुए सेना में सेवा की. उन्होंने कश्मीर में 13 राष्ट्रीय राइफल्स, लखनऊ में 71 इनफेंट्री ब्रिगेड और श्रीनगर में सामरिक महत्व की 15 वीं कोर की कमान सम्भाली थी. यही नहीं लेफ्टिनेंट जनरल कालिता संयुक्त राष्ट्र में भी दो बार डेप्युटेशन पर गये. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम संस्कार के तमाम इंतज़ाम जनरल कालिता की देखरेख में किये गये थे.













