रिटायरमेंट से सिर्फ 4 महीने पहले इस अधिकारी को मुंबई का पुलिस कमिश्नर बनाया गया

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मुंबई पुलिस कमिश्नर
मुंबई के नए पुलिस कमिश्नर संजय पांडे

भारत के महाराष्ट्र (maharashtra) राज्य में राजनीतिक तनातनी और उस पर हाई कोर्ट में पहुंचे मामले के बीच आईपीएस अधिकारी संजय पांडे को राजधानी मुंबई का पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है. भारतीय पुलिस सेवा के 1986 बैच के महाराष्ट्र कैडर के अधिकारी संजय पांडे (ips sanjay pande ) को आईपीएस हेमंत नगराले की जगह दी गई है. वहीं हेमंत नगराले को महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा निगम का प्रबंध निदेशक (managing director) बनाया गया है. दिलचस्प है कि 59 वर्षीय आईपीएस संजय पांडे के रिटायर होने में सिर्फ 4 महीने ही बचे है वहीं हेमंत नगराले की सेवानिवृत्ति 30 सितंबर को है यानि उसमें भी सिर्फ सात महीने हैं.

संजय पांडे की इस नई तैनाती के पीछे आने वाले मुंबई में होने वाले नगर निगम चुनाव को एक वजह माना जा रहा है. विवादों और सुर्ख़ियों में रहे संजय पांडे 18 फरवरी तक महाराष्ट्र पुलिस के कार्यवाहक महानिदेशक के तौर पर काम कर रहे थे. आईपीएस रजनीश सेठ को लगाने के बाद उनसे ये प्रभार वापस ले लिया गया था. हाई कोर्ट ने संजय पांडे की उस नियुक्ति पर राज्य से सवाल किया था कि महाराष्ट्र पुलिस के महानिदेशक की नियुक्ति के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी – UPSC ) के बनाये अधिकारियों के पैनल में उनका नाम शामिल नहीं होने के बावजूद उन्हें कार्यवाहक डीजीपी बनाए रखकर क्या ‘तरफदारी’ कर रही है. अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार को फटकार लगाई थी. सोमवार को महाराष्ट्र के गृह मंत्रालय की तरफ से नये आदेश जारी किये गए.

हेमंत नगराले (hemant nagrale) की जगह संजय पांडे को मुंबई का पुलिस कमिश्नर बनने के पीछे राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का निर्णय बताया जा रहा है. सोमवार को इस आदेश के जारी होने से पहले सीएम ठाकरे ने हेमंत नगराले से मुलाक़ात की थी. मुंबई में कमिश्नर के तौर पर उनका 11 महीने का कार्यकाल विवादों से परे रहा है.

पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह और राज्य के इंटेलिजेंस विभाग की प्रमुख रश्मि शुक्ला के खिलाफ की गई जांच में संजय पांडे का अहम रोल रहा है. एक तरफ महाराष्ट्र में सत्ताधारी एमवीए (MVA ) के नेता केन्द्रीय एजेंसियों की तरफ से शुरू मामलों के कारण शिकंजे में हैं तो दूसरी तरह महाराष्ट्र और मुंबई पुलिस ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के खिलाफ केस दर्ज कर रखे हैं जिनमें केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे, उनका बेटा व विधायक नीतेश राणे और किरीट सौमय्या भी हैं. पिछले हफ्ते प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से राज्य के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक की गिरफ्तारी और फिर शिव सेना के नेता यशवंत जाधव के यहां आयकर विभाग के छापों के बाद दोनों सियासी गुटों के बीच एक दूसरे पर कीचड़ उछाले जाने का सिलसिला और तेज हो गया था. राज्य में सत्तारूढ़ सियासी गुट ने केंद्र में सता पर बैठी बीजेपी (bjp) से सीधे टकराव का रास्ता अखित्यार किया.

माना जा रहा है कि अब चूंकि ब्रह्न्मुम्बई नगर निगम (बीएमसी – BMC) के चुनाव होने वाले हैं और संजय पांडे की छवि ऐसे पुलिस अधिकारी की भी है जो दबाव में जल्दी नहीं आता इसलिए राज्य सरकार ने उनकी यहां तैनाती का फैसला लिया. दूसरी तरफ इन चुनाव में विपक्षी दल संजय पांडे के प्रतिद्वंदी के तौर पर हेमंत नगराले का नाम उछाल कर सियासी फायदा लेने की कोशिश करेंगे. हेमंत महाराष्ट्र के होने के साथ दलित वर्ग से ताल्लुक रखने वाले अधिकारी हैं.

अयोध्या में विवादास्पद ढांचा गिराए जाने के बाद मुंबई में 1992 – 93 में हुए दंगों के दिनों में संजय पांडे ने नाम कमाया था. उस समय वे मुंबई में डीसीपी थे. कहा जाता है कि उन्होंने समय रहते कार्रवाई करते हुए अपने इलाके में दंगों पर नियंत्रण पा लिया था जिसकी तारीफ़ हुई थी. संजय पांडे की पैदाइश 30 सितंबर 1962 को महाराष्ट्र में हुई और उन्होंने आई आई टी कानपुर (IIT kanpur) से पढ़ाई की है.