‘ऑपरेशन ड्रीम्स’ की वजह से सुर्ख़ियों में आये जम्मू कश्मीर के पुलिस अधिकारी संदीप चौधरी अचानक बदली परिस्थितियों में, सामान्य से उलट व्यवहार के जरिये, अक्सर बेहतर करने वाले शख्स की पहचान बनाते जा रहे हैं. जनसुनवाई को अपनी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर रखने वाले भारतीय पुलिस सेवा के 2012 बैच के इस युवा अधिकारी संदीप चौधरी ने बृहस्पतिवार को उन लोगों को चौंका दिया जो अपनी अपनी समस्याएँ लेकर उनके पास आये थे.
आतंकवाद प्रभावित जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में से एक शोपियां में जब वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संदीप चौधरी से मिलने के लिए उनके दफ्तर में आने वालों की तादाद ज्यादा हो गई तो उन्होंने दफ्तर ही लान में लगा लिया. न टेबल न कुर्सी, खिली धूप में खुले आसमान के नीचे घास पर बैठकर सब कुछ बेहद सहज तरीके से चलता रहा. इसकी कुछ मज़ेदार तस्वीरें 2012 बैच के इस आईपीएस अधिकारी संदीप चौधरी ने साझा भी की हैं. नीली जींस और शर्ट पर कश्मीरी लिबास फेरन पहने और बेहद आत्मीयता से लोगों से बातचीत करते एसएसपी संदीप चौधरी की ये तस्वीरें लोगों का पसंद आ रही हैं लिहाज़ा लोग इन्हें शेयर भी कर रहे हैं.
जनता के बीच उन्हीं का हिस्सा बनकर काम करने का संदीप चौधरी का स्टाइल और संवेदनशीलता ही शायद बड़ी वजह है जो उन्हें उस शोपियां इलाके में लोकप्रिय बना रही है जहां आये उन्हें अभी पांच महीने भी पूरे नहीं हुए हैं. हालांकि लोकप्रियता तो आईपीएस संदीप चौधरी को इसी साल तभी मिलनी शुरू हो गई थी जब वह जम्मू में तैनात थे और उन्होंने प्रतियोगी या प्रवेश परीक्षा देने वाले लड़के लड़कियों को बिना फीस लिए पढ़ाना शुरू किया था.
पंजाब के मूल निवासी और जम्मू कश्मीर कैडर के आईपीएस अधिकारी संदीप चौधरी ने जम्मू कश्मीर पुलिस में सब इंस्पेक्टर भर्ती होने के इच्छुक युवक युवतियों को महीने भर की कोचिंग में पढ़ाकर इतना काबिल बना दिया कि उन 150 में 38 ने लिखित परीक्षा पास भी कर ली यानि लगभग 25% रिजल्ट रहा. पास हुए इन अभ्यर्थियों में सात तो लड़कियां थीं.
उन दिनों जम्मू में संदीप चौधरी दफ्तर के काम का टाइम शुरू होने से दो घंटा पहले दफ्तर आ जाते थे और वहीं पर इन्हें पढ़ाते थे. बहुत जल्द ही जब ये बात फ़ैल गई तो उनसे गाइडेंस लेने और पढ़ने के इच्छुक युवाओं की संख्या इतनी बढ़ने लगी और हालत ये हो गई कि क्लास लेने के लिए दफ्तर का बड़े से बड़ा कमरा भी छोटा पड़ने लगा. तब संदीप चौधरी ने पास के ही कम्युनिटी सेंटर में उन्हें पढ़ाने का बन्दोबस्त भी किया. इन युवक युवतियों को करियर में मदद करना ही उनका सपना था जो उनका ऑपरेशन ड्रीम्स कहलाया.
जम्मू से कश्मीर में तबादला होने पर जैसे ही उन्होंने शोपियां आकर यहाँ के एसएसपी का काम सम्भाला, उन्होंने निजी ट्विटर अकाउंट @Sandeep_IPS_JKP पर अपना मोबाइल नम्बर सार्वजनिक करते हुए ट्वीट भी किया और अपने स्टेटस में भी कायम रखा हुआ है – जनशिकायतों का निवारण और संवेदनशील पुलिसिंग मेरी प्राथमिकता है. कृपया जनता से जुड़े अहम मुद्दे मिलकर या फोन पर बतायें.
दिलचस्प है कि औरों को कोचिंग देने वाले संदीप चौधरी ने स्कूल की पढ़ाई के बाद उच्च शिक्षा या लोक संघ सेवा आयोग की सिविल सर्विसेज़ परीक्षा पास करने के लिये खुद न तो कोचिंग ली और ना ही कॉलेज में पढ़ाई की. इसके बावजूद उन्होंने UPSC की परीक्षा पहले प्रयास में ही उत्तीर्ण कर ली थी. आईपीएस संदीप चौधरी ने बीए और एमए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU – इग्नू) से हासिल की. पत्रकार बनने का इरादा बनाया तो चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी में पत्रकारिता के कोर्स में दाखिला लिया लेकिन किन्ही परिस्थितियों की वजह से तीन महीने में ये कोर्स छोड़कर पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एमए करने के लिए इग्नू का ही रुख किया.