औरों को बचा अपनी जान दे दी, जाते जाते नेत्रदान भी कर गया आरपीएफ का ये सिपाही

621
आरपीएफ
आरपीएफ सिपाही जगबीर सिंह राणा. (फाइल फोटो)

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के एक जवान ने दिल्ली में रेल की पटरियों के बीच खड़े होकर झगड़ रहे पति पत्नी और वहां उन्हें देखने के लिए जमा हुए बच्चों की जान बचाने की कोशिश में अपनी जान दे दी. रविवार की शाम कर्तव्य की खातिर जान देने वाले आरपीएफ के इस सिपाही जगबीर सिंह राणा का नाम मेडल (मरणोपरांत) के लिए सरकार को भेजा जायेगा. इतना ही नहीं जगबीर सिंह राणा के जज़बे को, उसके इस दुनिया से विदा होने के बाद परिवार ने कायम रखा. परिवार ने जगबीर के नेत्रदान किये जो दो लोगों के अँधेरे जीवन में उजाला लायेंगे.

आरपीएफ
जगबीर सिंह राणा ने पटरी के बीच में झगड रहे दम्पति को बचाया.

ये हादसा दिल्ली में आजादपुर और आदर्शनगर रेलवे स्टेशन के बीच में हुआ था जहां आसपास स्लम इलाका और झुग्गियां हैं. उस वक्त सिपाही जगबीर राणा रूटीन गश्त पर था जब उसने एक जोड़े को पटरी के बीच खड़े होकर झगड़ते देखा. इसी पटरी पर तेज़ रफ्तार से होशियारपुर एक्सप्रेस आ रही थी जिसका उस दम्पति को शायद अंदाज़ा भी नहीं था. इससे पहले की ट्रेन दोनों को रौंदते हुए निकलती, आरपीएफ के सिपाही जगबीर राणा ने फुर्ती दिखाई और शोर मचाता हुआ उनके करीब पहुँच गया. जगबीर ने उनको धक्का देकर पटरी से हटाया और खुद भी पटरी से दूर कूद गया.

आरपीएफ
जगबीर सिंह राणा ने अपनी जान देकर बच्चों को बचाया.

चश्मदीदों के मुताबिक़ उस वक्त बगल की दूसरी पटरी पर तीन बच्चे खड़े थे जो आसपास के इलाके के रहने वाले थे और पटरियों के आसपास कूड़ा कचरा और कबाड़ बीनने आते थे. उस पटरी पर कालका शताब्दी ट्रेन आ रही थी. ये नज़ारा देखकर जगबीर ने बच्चों को खबरदार किया और उनकी तरफ दौड़ा. बच्चों ने तो खुद को पटरी से हटकर बचा लिया लेकिन इस बीच उनकी तरफ लपका जांबाज़ सिपाही जगबीर सिंह राणा खुद को न बचा सका. ट्रेन की रफ्तार थी जिसने सिपाही को दूर तक उछाल दिया. बुरी तरह घायल सिपाही ने दम तोड़ दिया.

हरियाणा के सोनीपत के जटोला गाँव के निवासी सिपाही जगबीर सिंह राणा के परिवार ने अंतिम संस्कार के लिए पार्थिव शरीर वहां ले जाने से पहले दिल्ली में राणा के नेत्रदान किये. दो बार विभाग की तरफ से सम्मानित जगबीर को वरिष्ठ अधिकारियों ने पुलिस सम्मान के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की. राणा जुलाई 1989 में आरपीएफ में भर्ती हुये थे. उनके परिवार में पत्नी और दो बेटे हैं. बड़ा बेटा रोहित बीए फाइनल का छात्र है.

सिपाही जगबीर राणा के बड़े भाई राजबीर सिंह ने बताया कि जगबीर ही परिवार के लिए कमाने वाला अकेला शख्स था. उन्हें उम्मीद है रेलवे या आरपीएफ इस बात पर ध्यान देगी और आर्थिक मदद करेगी क्यूंकि जगबीर के दोनों बच्चे अभी पढ़ाई कर रहे हैं. (हिंदुस्तान टाइम्स से साभार)