प्लेटिनम जुबली पर इकट्ठा हुए दिल्ली पुलिस के 8 पुराने कमिश्नर

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दिल्ली पुलिस
स्थापना के 75 साल पूरे होने पर दिल्ली पुलिस की प्लेटिनम जुबली पर इकट्ठा हुए 8 पुराने कमिश्नर.

दिल्ली पुलिस के पिछले कई साल के इतिहास में तो ये पहली बार हुआ जब राजधानी दिल्ली की पुलिस के किसी मंच पर इसके इतने सारे प्रमुख इकट्ठा हुए हों. दो चार नहीं आठ पूर्व पुलिस आयुक्तों की मौजूदगी ने सचमुच में इन क्षणों को खास बना दिया. मौका था गुरुवार को स्थापना के 75 साल पूरे होने पर दिल्ली पुलिस की प्लेटिनम जुबली (platinum jubilee) के कार्यक्रमों की शुरुआत से पहले इस आयोजन के प्रतीक चिन्ह (logo) का अनावरण.

दिल्ली पुलिस की प्लेटिनम जुबली से पहले प्रतीक चिन्ह के अनावरण का कार्यक्रम दिल्ली पुलिस के जय सिंह रोड स्थित मुख्यालय में किया गया. नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO, Niti Aayog) अमिताभ कांत इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे. पुलिस मुख्यालय के आदर्श ऑडिटोरियम में कार्यक्रम की शुरुआत से पहले दिल्ली के पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने उनका स्वागत किया जो उनसे पहले दिल्ली पुलिस की कमान संभालते रहे.

कार्यक्रम की शुरुआत दिल्ली पुलिस के तीन सदस्यीय ऑर्केस्ट्रा टीम के गाये प्रार्थना गीत ‘ऐ मालिक तेरे बंदे हम, ऐसे हों हमारे करम…’ से हुई जो असल में स्वर साम्राज्ञी और भारत की स्वर कोकिला कहलाईं लता मंगेशकर ने गाया था. नीति आयोग प्रमुख अमिताभ कांत ने दीप प्रज्जवलित किया जिसके बाद पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना और अन्य ने ये सिलसिला बढ़ाया.

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नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे.

एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक़ प्रोग्राम की शुरुआत उस व्याख्यानमाला से हुई जिसे पूरे प्लेटिनम जुबली वर्ष में हरेक महीने में एक बार किया जायेगा. पहला व्याख्यान अमिताभ कांत की तरफ से था जिसका विषय था ‘ असरदार पुलिस व्यवस्था का राष्ट्र के आर्थिक विकास पर प्रभाव’ (Impact of Effective Policing on the Nation’s Economic Development ) व्याख्यान से पहले पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने दिल्ली पुलिस के इतिहास का ज़िक्र करते हुए कहा कि यहां की पुलिस ने नागरिकों की सेवा भावना को सबसे ऊपर रखते हुए विभिन्न सामाजिक, आर्थिक और तकनीक के क्षेत्र में परिवर्तनों से सीखते हुए सफर तय किया है और मानदंड स्थापित किये हैं.

वहीं नीति आयोग प्रमुख ने दिल्ली पुलिस के काम करने के तौर तरीकों और विभिन्न उपलब्धियों के लिए सराहना की. उन्होंने खास तौर से कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान हालात से निबटने में दिए योगदान का ज़िक्र किया. श्री कांत ने कहा कि ये कई देशों के लिए सीखने लायक सबक है. उन्होंने नई तकनीक सीखने, उसकी महत्ता अपराध नियंत्रण में इससे मिलने वाली सहायता का ज़िक्र किया. पुलिस कमिश्नर अस्थाना ने श्री कांत को प्लेटिनम जुबली का प्रतीक चिन्ह भेंट किया.

दिल्ली के जो आठ पूर्व पुलिस कमिश्नर इस मौके पर आये उनमें, बाद में राज्यपाल बने निखिल कुमार, कृष्ण कांत पाल भी थे. बाकी पूर्व आयुक्तों में तिलक राज कक्कड़, मुकुंद बिहारी कौशल, वीएन सिंह, आर एस गुप्ता, भीम सेन बस्सी और बी के गुप्ता उपस्थित थे. लेकिन हैरानी की बात है कि वर्तमान कमिश्नर श्री अस्थाना से ठीक पहले रहे चार पुलिस आयुक्तों बालाजी श्रीवास्तव, एस एन श्रीवास्तव, अमूल्य पटनायक और आलोक कुमार वर्मा में से कोई भी मंच पर खींची गई उस तस्वीर में नहीं दिखाई दिया जो पुलिस ने जारी की.