उल्लेखनीय है कि ब्रिटिश शासन के दौरान आज़ादी से पहले भारत 500 से ज्यादा छोटी बड़ी रियासतों में बंटा हुआ था जिनको एक करने में तत्कालीन केन्द्रीय गृह मंत्री सरदार पटेल की अहम भूमिका रही. सरदार पटेल के इस बड़े काम को समर्पित करते हुए उनकी जन्म तारीख को एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है .
केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के लाल चौक से निकली सीआरपीएफ ( crpf ) महिला जवानों की बाइक रैली जम्मू पहुंच चुकी है. गुरुवार को जम्मू के परेड कॉलेज में इस महिला दस्ते का भव्य स्वागत हुआ. इस दौरान देशभक्ति और लोक संस्कृति से भरपूर रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन हुआ. सीआरपीएफ के महिला बैंड ने भी अपनी प्रस्तुति देकर समां बांधा.
सीआरपीएफ की यशस्विनी बाइक रैली 3 अक्तूबर को श्रीनगर से निकली थी. यहां उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उनको हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था . जम्मू के बाद यह महिला दल अमृतसर, जालंधर, पिंजौर, सोनीपत, गुरुग्राम, जयपुर, अजमेर, उदयपुर, गांधीनगर और बड़ौदा से होकर एकता नगर गुजरात पहुंचेगा. 25 महिलाओं की यह रैली 2134 किलोमीटर का सफर तय करेगी.

भारत में मनाए जा रहे आजादी के अमृत महोत्सव के समापन वर्ष पर केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की तरफ से श्रीनगर के अलावा शिलांग और कन्याकुमारी से भी महिला मोटर साइकिल सवारों के दल रवाना हुए हैं . इसे ‘आल वुमेन मोटरसाइकिल एक्सपीडिशन 2023 यशस्विनी बाइक रैली ‘ ( All Women Motorcycle Expedition – 2023) नाम दिया गया है . शिलांग से 10,000 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद राष्ट्रीय एकता दिवस पर केवडिया (गुजरात) पहुंचेगी. यह 150 महिलाएं हैं जो रॉयल एनफील्ड की 350 सीसी वाली 75 मोटर साइकिलों पर सवार हैं. यानि हरेक मोटर साइकिल दल में 25 बाइक हैं .
आज कन्याकुमारी में सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण राज्य मंत्री ए नारायणस्वामी ने सीआरपीएफ बाइक सवारों को की रैली को झंडी दिखाई जबकि मेघालय की राजधानी शिलांग मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने महिला दल को रवाना किया . यह महिला बाइक सवार ‘ बेटी पढ़ाओ , बेटी बचाओ ‘ का भी संदेश दे रही हैं.