प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार को पूरी पुलिस बिरादरी का सबसे बड़ा हितैषी बताया

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नरेंद्र मोदी
राष्ट्रीय पुलिस स्मारक का लोकार्पण करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. फोटो : पीआईबी

भारत में समूचे पुलिस तंत्र के लिए सबसे पवित्र माने जाने वाले ‘पुलिस स्मृति दिवस’ पर देश को नये रूप वाला पुलिस स्मारक लोकार्पित करते वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिसालें देकर बताया कि उनकी सरकार पहले की सरकारों से बेहतर है और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकारें वर्दीधारी संगठनों की ज्यादा हितैषी हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के चाणक्यपुरी में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक बनाये जाने में हुई देरी पर पहले की (गैर बीजेपी) सरकारों को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश में कहा, ‘जिस Hot Spring Incident के बाद पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है वो भी तो 60 वर्ष पहले की घटना है. फिर इतने वर्ष इंतजार क्यों?’

प्रधानमंत्री ने इसके बाद सवाल उठाया, ‘देश के पुलिस बल को समर्पित ऐसे मेमोरियल का विचार 25-26 वर्ष पहले कौंधा था. तब सरकार ने इसको मंजूरी भी दे दी थी. लेकिन इसको जमीन पर उतारने के लिए पहला कदम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार ने उठाया था और 2002 में तत्कालीन गृहमंत्री आदरणीय आडवाणी जी ने इसका शिलान्यास भी किया था. आज आडवाणी जी यहां स्वयं उपस्थित हैं अपने उस सपने को साकार होते हुए देखने के लिए वह गौरवान्वित होते हैं. वह भली-भांति जानते हैं कि उनके द्वारा शिलान्यास के बाद किसी तरह इस मेमोरियल का काम आगे नहीं बढ़ पाया.’

हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी ने माना कि ये मामला अदालत में फंस गया था जिसकी वजह से स्मारक बनाने के काम में अडचनें आईं लेकिन साथ ही सवाल किया, ‘लेकिन पहले की सरकार की इच्छा होती, उसने दिल से प्रयास किया होता तो ये मेमोरियल कई वर्ष पहले बन गया होता. लेकिन पहले की सरकार ने आडवाणी जी द्वारा स्थापित पत्थार पर धूल जमने दी,’. पीएम मोदी बोले. ‘2014 में जब फिर एनडीए की सरकार बनी तो हमने बजट आवंटन किया और आज ये भव्य स्मारक देश को समर्पित किया जा रहा है.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां मौजूद देश के सबसे वरिष्ठतम और प्रभावशाली पुलिस नेतृत्व के समूह को मुखातिब होते हुए ऐसी कुछ और मिसालें भी दीं जो उनकी पार्टी की सरकार के काम करने के तरीके को औरों के मुकाबले बेहतर साबित करती हों. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यहीं दिल्ली में पिछले साल अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर का लोकार्पण किया गया है. इस सेंटर पर चर्चा भी 1992 के आस-पास शुरू हुई थी. लेकिन दो दशक तक इसकी भी फाइल दबी रही. इस सरकार के आने के बाद फाइल खोजी गई. सेंटर का शिलान्यास हुआ और लोकार्पण भी हो गया. ऐसे ही बाबा साहेब आंबेडकर के घर 26, अलीपुर रोड पर नेशनल मेमोरियल बनाने का काम अटल जी (प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी) के समय शुरू हुआ था. उनकी सरकार के जाने के बाद इस प्रोजेक्टस पर भी काम रुक गया है. हमारी सरकार आने के बाद शिलान्यास हुआ और इसी साल अप्रैल में उसका भी लोकार्पण करने का सौभाग्य मिला.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुरानी सरकारों पर फिर से चोट करते हुए भावुक लहजे में कहा, ‘देश के लिए अपना सर्वस्व समर्पित करने वालों, वीरता और बलिदान देने वालों के प्रति पहले की सरकार की इतनी बेरूखी का कारण क्या ? ये तो हमारी परंपरा, हमारी संस्कृति का हिस्साा कभी नहीं रहा!’

इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पहले गृहमंत्री लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल (जो भारत के हर पुलिस कर्मी के लिए सम्मानित शख्सियत हैं) की गुजरात में स्थापित की गई प्रतिमा का ज़िक्र करते हुए कहा, ‘आज से ठीक 10वें दिन 31 अक्टूतबर को मुझे गुजरात के केवडि़या में सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की एक गगनचुंबी प्रतिमा का अनावरण करने का सौभाग्य मिलेगा. दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा सरदार साहब के देश के प्रति किए गए योगदान का ये प्रतिबिंब होगी.’

प्रधानमंत्री मोदी ने पुलिस सुधार कार्यक्रमों के लिए अपनी पार्टी की सरकार को श्रेय देते हुए कहा, ‘एमपीएफ यानी Modernization of police force scheme के तहत करीब 45 हजार करोड़ रुपये 2019-20 तक Police infrastructure technology or training पर खर्च किए जा रहे हैं.’

पीएम नरेंद्र मोदी ने आपदा प्रबन्धन के दौरान पुलिस व अर्धसैन्य बलों के योगदान का ज़िक्र किया और कहा कि ऐसे हालात में सबसे पहले वही पहुँचते हैं. उन्होंने ऐसे हालात में औरों का जीवन बचाने वाले कार्मिकों के लिए नेताजी सुभाष चन्द्र बोस सम्मान का ऐलान करते हुए कहा, ‘ये सम्मान भारत माता के वीर सपूत नेता जी सुभाष चंद्र बोस जी के नाम पर प्रतिवर्ष 23 जनवरी उनकी जन्म तिथि पर घोषित किया जाएगा. असंभव को संभव बना देने वाले, अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर करने में बड़ी भूमिका निभाने वाले हमारे सुभाष बाबू का नाम इस सम्मान का और गौरव बढ़ाएगा.’