बीएसएफ का बर्खास्त जवान तेज बहादुर नरेंद्र मोदी से चुनावी रण में भिड़ेगा

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तेज बहादुर
बीएसएफ का बर्खास्त जवान तेज बहादुर
भारतीय सुरक्षा बलों के जवानों को घटिया खाना मुहैया कराए जाने और खाना सप्लाई किये जाने में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने की वजह से सुर्ख़ियों में आये सीमा सुरक्षा बल के जवान तेज बहादुर यादव  ने एक बार फिर सबको चौंका दिया है. खाने के इस मुद्दे पर मचे बवाल के बाद बीएसएफ से निकाल दिए गये हरियाणा के रेवाड़ी जिले के वासी तेज बहादुर ने अब ऐलान किया है कि वह इस बार लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेगा. भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐतिहासिक नगरी वाराणसी से ही लोकसभा के सदस्य हैं.
तेज बहादुर यादव
बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर की वह फोटो जब उसने आरोप लगाया था.
अनुशासनहीनता के इलज़ाम में दो साल पहले नौकरी से हटाये गये तेज बहादुर यादव ने शनिवार को रेवाड़ी में मीडिया के सामने, चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुए, कहा कि चुनाव लड़ने के पीछे उसका मकसद सशस्त्र बलों में मौजूद भ्रष्ट तौर तरीकों को मुद्दे के तौर पर उठाना है. तेज बहादुर को लगता है कि उसके इस कदम से सशस्त्र बलों के जवानों का हौसला बढ़ेगा.
वाराणसी से चुनाव लड़ने की वजह के बारे में तेज बहादुर का कहना है कि वहां से सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश से भ्रष्टाचार ख़त्म करने का दावा किया है लेकिन ज़मीनी सच्चाई बिलकुल अलग है क्यूंकि सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार फैला हुआ है. तेज बहादुर यादव का दावा है कि वह वाराणसी में कई लोगों से सम्पर्क में है और वहां उसको चुनाव में समर्थन करने वाले लोग भी हैं.
जम्मू कश्मीर में तैनाती के दौरान, सुरक्षा बलों को घटिया खाना सप्लाई किये जाने का वीडियो वायरल करने की वजह से पूरे देश में अचानक ‘व्हिसल ब्लोअर’ की छवि बना लेने वाले, तेज बहादुर यादव ने अपने साथ हुई नाइंसाफी का मुद्दा उठाया. तेज बहादुर का कहना है कि सरकार ने उसके उठाये मुद्दे पर जांच का आदेश देने की बजाय उसको ही हटाने का हुकुम दे दिया.
गौरतलब है कि जम्मू के पुंछ में लाइन आफ कंट्रोल पर तैनात तेज बहादुर ने 9 जनवरी 2017 को सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर खराब खाना दिए जाने की शिकायत की थी.