जम्मू कश्मीर के त्राल इलाके में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों से लोहा लेते हुए घायल हुए केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ-CRPF) के जवान महेश कुमार मीणा को तमाम कोशिशों के बावजूद बचाया न जा सका. एयरलिफ्ट करके इलाज के लिये दिल्ली लाना भी नाकामी भरा ही रहा. शहीद महेश के पार्थिव शरीर को राजस्थान के सीकर स्थित उनके पैतृक गाँव भेजने से पहले सफदरजंग हवाई अड्डे पर सीआरपीएफ के महानिदेशक राजीव राय भटनागर समेत अन्य अधिकारियों ने पुष्पांजलि अर्पित करके अलविदा कहा.

CRPF की 180 वीं बटालियन में जनरल ड्यूटी सिपाही महेश कुमार मीणा उस ज्वाइंट ऑपरेशन में शामिल था जो 5 जनवरी को कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल स्थित गाँव अरिपल में छिपे आतंकवादियों को तलाशने के लिए छेड़ा गया था. आपरेशन के दौरान आतंकवादियों की फायरिंग के जवाब दे रही टुकड़ी में पूरे जोश के साथ सिपाही महेश कुमार मीणा भी आगे था. इसी दौरान उसके कंधे और गर्दन में गोलियां लगीं.
सीआरपीएफ प्रवक्ता ने बताया कि घायल सिपाही महेश को तुरंत बेस अस्पताल ले जाया गया, जहां 10 जनवरी को चार घंटे तक उनकी सर्जरी चली और इसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट करके दिल्ली में एम्स के ट्रॉमा सेंटर लाया गया लेकिन यहाँ इलाज के दौरान इस जांबाज सिपाही ने प्राण त्याग दिए.
महेश मीणा के पार्थिव शरीर और उनके परिवार के सदस्यों को दिल्ली से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के हेलीकॉप्टर के ज़रिये सीकर में उनके गाँव लुम्पावा भेजा गया जहां पुलिस सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई.