जब फ्लाइट लेफ्टिनेंट संध्या ने पति के विमान AN 32 के लापता होने की खबर दी

766
File Image
फ्लाइट लेफ्टिनेंट संध्या तंवर अपने पति आशीष के साथ जो कि लापता है.

भारतीय वायु सेना के लापता हुए विमान ए एन 32 (AN 32 aircraft) के पायलट आशीष तंवर ने सोमवार को जिस वक्त असम के जोरहाट स्थित वायुसैनिक अड्डे से उड़ान भरी, उस वक्त वहां एयर ट्रैफिक कंट्रोल में ड्यूटी पर उनकी पत्नी संध्या तंवर तैनात थीं. अरुणाचल प्रदेश के मेचुका एडवांस लैंडिंग ग्राउंड के लिए इस ए एन 32 ने दोपहर तकरीबन 12 .30 फ्लाइट उड़ान भरी थी जिसमें 12 और लोग भी सवार थे. कुछ ही मिनट बाद हवाई जहाज़ का एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क टूट गया. विडम्बना भी कैसी कि घंटे भर तक जब विमान से किसी तरह का सम्पर्क नहीं हुआ तो इसकी सूचना खुद लेफ्टिनेंट संध्या तंवर को अपने ससुराल वालों को देनी पड़ी.

हरियाणा के पलवल में हूडा सेक्टर 2 में रहने वाले इस फौजी परिवार की बेचैनी बढ़ रही है और साथ ही बढ़ रही है बेटे की सकुशल वापसी को लेकर आशंका. 29 वर्षीय पायलट आशीष के पिता राधेलाल तो विमान के लापता होने की खबर आने के बाद ही जोरहाट के लिए रवाना हो गये थे और यहाँ उनकी पत्नी सरोज किसी अच्छी खबर का इंतजार कर रही हैं, ‘मेरा बेटा और उसकी पत्नी संध्या पिछले महीने घर आये थे लेकिन हफ्ते भर की छुट्टियां मनाने थाईलैंड चले गये. इसके बाद जल्द आने का वादा किया था लेकिन चार दिन से तो कोई खबर ही नहीं आई’. आशीष और संध्या 26 मई तक छुट्टियों पर थे और वो विदेश से ही असम लौट गये थे.

माँ की ममता तरह तरह के सवाल करती है. उन्हें लगता है कि विमान भारत की सीमा पार कर गया होगा. सरोज कहती हैं ,’ मुझे यकीन है कि हवाई जहाज़ चीन में चला गया होगा. हमारी सरकार उनकी जल्द वापसी के लिए चीन सरकार से बातचीत क्यूँ नहीं कर रही? तलाशी चल रही है लेकिन हमें बताया गया है कि मौसम खराब होने की वजह से विमान का पता नहीं लग रहा’.

लापता विमान और अधिकारियों का पता लगाने के लिए वायु सेना, थल सेना और अरुणाचल प्रदेश का स्थानीय अमला काम कर रहा है लेकिन शायद बढ़ती बेचैनी के कारण परिवार को ये नाकाफी लग रहा है. पायलट आशीष के मामा उदयवीर सिंह सवाल करते हैं,’ पूर्वी सेक्टर में सेना के 4 लाख जवान हैं. हमारे लड़के को खोजने के लिए उनको क्यूँ नहीं लगाया जा रहा है?’ उदयवीर सिंह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मिलने का टाइम चाहते हैं.

सोमवार को लापता हुए भारतीय वायुसेना के विमान की खोज खबर के लिए एमआई -17 और एएलएच हेलिकॉप्टर लगाये गये थे, यही नहीं सुखोई एसयू -30 और सी – 130 फाइटर जेट भी खोजी ऑपरेशन में इस्तेमाल किये गये. बृहस्पतिवार को मानव रहित उड़ान भरने वाले ड्रोन का भी सहारा लिया गया.

फौजी परिवार से ताल्लुक रखने वाले आशीष के जहन में बचपन से ही पायलट बनने की ख्वाहिश थी. असल में घर में ज़्यादातर लोग थल सेना या वायु सेना में हैं. आशीष ने स्कूली पढ़ाई केन्द्रीय विद्यालय से की और फिर कानपुर से बीटेक करने के बाद कुछ वक्त के लिए एक मल्टीनेशनल कम्पनी में नौकरी भी की लेकिन दिसम्बर 2013 में आशीष वायुसेना में शामिल हो गये. आशीष ने 2015 में पायलट के तौर पर भारतीय वायुसेना में कमीशन हासिल किया. तभी आशीष की मथुरा निवासी संध्या से मुलाकात हुई. फरवरी 2018 में रस्मों रिवाज़ के साथ उनका विवाह हुआ. पति की तरह संध्या भी भारतीय वायुसेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट हैं.