
भारत के 71 वें गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान ऐसा बहुत कुछ हुआ जो पहले किसी समारोह में नहीं हुआ. इसकी शुरुआत ही पहले कार्यक्रम से हुई. पहली बार ऐसा हुआ जब भारत के प्रधानमंत्री ने इण्डिया गेट पर अमर जवान ज्योति की जगह राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इण्डिया गेट के बगल में बनाये गये इस स्मारक का उद्घाटन पिछले साल ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था.
वायु रक्षा कोर का मार्चपास्ट :

ये पहला मौका था जब थल सेना की वायु रक्षा कोर (Air Defence Corps) की मार्चिंग टुकड़ी ने 26 जनवरी की परेड में हिस्सा लिया. रक्षा कोर टुकड़ी नेतृत्व कैप्टन विकास कुमार साहू कर रहे थे. आर्मी एयर डिफेंस कोर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उत्कृष्ट सेवाओं के लिए पिछले साल ही कलर प्रदान किया था.
अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर :

भारतीय वायु सेना के बेड़े में शामिल AH -64 E अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर ने पहली बार इस समारोह में फ्लाई पास्ट में हिस्सा लिया. इस फ्लाई पास्ट में कुल मिलाकर 45 एयर क्राफ्ट शामिल हुए थे जिनमें 5 अपाचे हेलिकॉप्टर थे. भारत ने इन्हें अमेरिका की बोइंग कम्पनी से खरीदा है. जबरदस्त मार करने वाले ऐसे 8 अपाचे हेलीकाप्टर भारत ने खरीदे हैं. भारत ने ऐसे कुल मिलाकर 22 आधुनिक हेलीकाप्टर खरीदने का सौदा पांच साल पहले किया था.
संयुक्त उड़ान :

मुख्य फ्लाई पास्ट की शुरुआत में थल सेना , वायु और नौ सेना के हेलिकॉप्टरों ने संयुक्त उड़ान भरी. ये पहली बार हुआ जब फ्लाई पास्ट में सेना के तीनो अंगों की फार्मेशन बनाई गई. रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ये तीनों सेनाओं के तालमेल का प्रतीक है.
मिशन शक्ति :

रक्षा अनुसन्धान और विकास संगठन यानि DRDO के बनाए एंटी सेटलाइट हथियार का पहली बार यहाँ प्रदर्शन किया. मार्च में मिशन शक्ति के तहत इसे बनाया गया था.