बर्मा मुहिम की यूनिटों, विक्टोरिया क्रॅास वाले योद्धाओं के वारिसों का सम्मान

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मिलिटरी लिटरेचर फेस्टिवल

चंडीगढ़ में तीन दिवसीय मिलिटरी लिटरेचर फेस्टिवल (Military Literature Festival एम.एल.एफ.) के समापन अवसर पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बर्मा मुहिम के विक्टोरिया क्रॅास से सम्मानित सैनिकों के वारिसों और यूनिटों का रविवार को सम्मान करते हुये ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन 1944 तक लड़ी गई लड़ाई में उनके द्वारा दिखाई बहादुरी को याद किया.

बर्मा मुहिम की 75वीं वर्षगांठ को अविस्मरणीय बनाने वाले मिलिटरी लिटरेचर फेस्टिवल (एम.एल.एफ.) के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने लेफ्टिनेंट कर्नल अनंत सिंह की बेटी सुखजिन्दर कौर को भी सम्मानित किया. लेफ्टिनेंट कर्नल अनंत सिंह ने साल 1965 के ऑपरेशन में 4 सिख बटालियन की कमांड बहादुरी से की जिस कारण बरकी पर कब्ज़ा हुआ. मुख्यमंत्री ने कहा कि उस शूरवीरता के लिए लेफ्टिनेंट कर्नल अनंत सिंह को परमवीर चक्र दिया जाना चाहिए था जो तत्कालीन सरकार या सेना प्रमुख की ज़िम्मेदारी थी. उन्होंने कहा कि वो तब की बात है लेकिन वर्तमान में पंजाब सरकार उनके सम्मान में जो कर सकती है वो करेगी.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं पूर्व फ़ौजी होने के कारण उनको यूनिटों और साहसी सैनिकों के वारिसों को सम्मानित किये जाने पर गर्व है जिन्होंने बर्मा मुहिम के दौरान दिलेराना जंग लड़ी और उनकी यादें आज भी भारतीय सैनिकों को प्रेरित करती हैं. उन्होंने इन योद्धाओं के बलिदानों के प्रति जाहिर किये गये सम्मान के लिए एम.एल.एफ. की भी सराहना की. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि एम.एल.एफ. के अभी तीन सालाना आयोजन हुए हैं और ये नौजवानों को रक्षा सेनाओं में शामिल होने के साथ-साथ देशभक्ति के जज़्बे के प्रति प्रेरित करता रहेगा. उन्होंने कहा कि यह बहुत मान और संतोषजनक बात है कि पंजाब के अनेकों नौजवानों ने एन.डी.ए. की परीक्षा पास कर ली है और अब वह वर्दी में सजकर देश की सेवा के लिए तैयार हैं.

2/5 गोरखा राइफल से मेजर जैकब और सूबेदार मेजर हर्षा बहादुर राणा ने नायक अगन सिंह राय (1944), सूबेदार नेतरा बहादुर थापा (1944) और हवलदार गजे घाले (1943) के लिए सम्मान हासिल किया. 2 सिख के मेजर भटेंडू ठाकुर ने 28 पंजाबीज़ के विक्टोरिया क्रास विजेता सिपाही ईशर सिंह (1921) जो बाद में 2 सिख के साथ जुड़ गया, के लिए सम्मान हासिल किया. 4 मैक के कर्नल नवदीप हरनल ने 1/11 सिख जो अब 4 मैक हो गई, के विक्टोरिया क्रास विजेता नायक नन्द सिंह (1944) के लिए सम्मान हासिल किया जबकि आर्टिलरी रेजीमेंट के मेजर मुकैश ने रॉयल इंडियन आर्टिलरी के 30 माउंटेन रेजीमेंट के हवलदार उमराओ सिंह (1944) जो अब 22 फील्ड रेजीमेंट है, के लिए सम्मान प्राप्त किया.

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मुख्यमंत्री की तरफ से सम्मानित किये अन्य सैनिकों में 3/2 जी.आर. (1945) के राइफलमैन तुल बहादुर पुन और राइफलमैन भानभगता गुरुंग, 1/7 जी.आर. (1944) के राइफलमैन गंजू लामा, 4/8 जी.आर. (1945) के राइफलमैन लक्ष्मण घाले, 7/16 पंजाब (1945) के लांस नायक शेर शाह, 2/1 पंजाब (1944) के सूबेदार राम सरूप सिंह, 7/10 बलूच (1945) के नायक फज़़ल दीन, 14 /13 एफ.एफ. राईफलज़ (1945) के प्रकाश सिंह चिब्ब, 5/8 (1943) के हवलदार प्रकाश सिंह, 4/15 पंजाब (1944) के नायक गियान सिंह, 16 /10 बलूच (1944) के सिपाही भंडारी राम, 3 जट (1944) के अब्दुल हाफिज और पंजाब (1945) के लेफ्टिनेंट करमजीत सिंह जज शामिल हैं.

इससे पहले मुख्यमंत्री ने एम.एल.एफ. की सफलता के लिए शानदार भूमिका अदा करने वाली विभिन्न यूनिटों की टुकडिय़ों और वालंटियर ग्रुपों, संस्थाओं और स्कूलों को प्रशंसा पत्रों से सम्मानित किया.

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री के वरिष्ठ सलाहकार और एम.एल.एफ. संयोजन समिति के चेयरमैन लेफ्टिनेंट जनरल टी.एस. शेरगिल ने कहा कि एम.एल.एफ. का अगला आयोजन विश्व जंग-2 का 75 वर्ष, बर्मा मुहिम और फ्रांस में डनकिरक में जर्मन ऑपरेशन के हवाले के साथ विश्व जंग-2 के 80वें वर्ष पर केंद्रित रख कर मनाया जायेगा.

उन्होंने पश्चिमी कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ़ लेफ्टिनेंट जनरल आर.पी. सिंह द्वारा इस फेस्टिवल को स्मरणीय बनाने के लिए दिए पूर्ण सहयोग के लिए उनका धन्यवाद किया. उन्होंने विभिन्न शैक्षिक संस्थाओं और चंडीगढ़ प्रशासन के अलग-अलग विभागों की तरफ से फेस्टिवल की कामयाबी में दिए गये योगदान की भी तारीफ़ की.
समापन समरोह के दौरान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल भी मौजूद थे.