लड़ाकू विमान तेजस में आसमान में ईंधन भरने का ड्राय रन कामयाब रहा

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लड़ाकू विमान तेजस
तेजस में उड़ान के दौरान आसमान में ईंधन भरने का ड्राय रन. भारतीय वायुसेना ने रच दिया इतिहास. Photo Source/ Indian Airforce Twitter Account

भारतीय वायुसेना के पायलटों ने ज़बरदस्त हवाबाज़ी के कौशल का एक और चुनौती भरा नमूना पेश करते हुए हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस में उड़ान के दौरान आसमान में ईंधन भरने का ड्राय रन किया. इस हल्के लड़ाकू विमान के भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किये जाने के बाद, आसमान में इसमें ईंधन भरने का ये पहला ट्रायल था जो कामयाब भी रहा. भारत में विशेष तौर से मोडिफाइड किये गये इस विमान में ईंधन भरने का काम रूस निर्मित टैंकर विमान IL 78 MKI के जरिये किया गया. असल में ईंधन तो नहीं भरा गया लेकिन वो पूरी प्रक्रिया अपनाई गई जो ईंधन भरते वक्त होती है.

मंगलवार को किये गये इस प्रयोग के तहत टैंकर ने आगरा बेस से उड़ान भरी जबकि हल्के युद्धक विमान तेजस ने ग्वालियर बेस से परवाज़ ली थी. आसमान में टैंकर से तेजस में ईंधन भरने की प्रक्रिया पर नज़दीक से नजर रखने के लिए दूसरे तेजस विमान को तैनात किया गया था. टैंकर और तेजस के बीच वो कनेक्शन स्थापित कर लिया गया जो ईंधन पहुँचाने के लिये किया जाता है. आसमान में इस तरह के ट्रायल से तीन महीने पहले इसे हवा से हवा में, दिखाई न देने वाले टारगेट पर, मिसाइल दागने के लिए परखा गया था.

लड़ाकू विमान तेजस
तेजस में उड़ान के दौरान आसमान में ईंधन भरने का ड्राय रन. भारतीय वायुसेना ने रच दिया इतिहास. Photo Source/ Indian Airforce Twitter Account

इसके अंतिम परिचालन मंजूरी के नज़रिये से, इसमें उड़ान के दौरान आसमान में ईंधन भरने की क्षमता और कौशल का होना ज़रूरी है. इसलिए ये ट्रायल तेजस के लिए बेहद अहमियत रखता है, उड़ान के दौरान ईंधन ट्रांसफर करने का प्रयोग शुरू करने से पहले कई बार, एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेन्सी (ADA) ने यही कवायद ज़मीन पर भी करके देखी थी. इसके लिए ग्वालियर में कंट्रोल रूम बनाया गया था. पूरी प्रक्रिया के दौरान, मानदंडों की तुलना में हासिल किये जा रहे नतीजों के आकलन के मकसद से, लाइव सूचनाएं इस नियंत्रण कक्ष को मिल रही थीं.

इस तरह के नौ ट्रायल और होने हैं और इनमें से कई ट्रायल ऐसे होंगे जिनके दौरान वास्तविक तौर पर टैंकर से तेजस में ईंधन भरा जाएगा. युद्धक विमान में इस तरह का गुण होना उसकी मारकशक्ति और कार्यक्षमता में इजाफा करता है.

भारतीय वायुसेना की तरफ से 40 तेजस विमानों की खरीद का आर्डर दिया जा चुका है. इसके अलावा लगभग 50 हज़ार करोड़ रूपये में 83 तेजस और खरीदने का अनुरोध प्रस्ताव हिन्दुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड को भेजा जा चुका है.