हिमाचल प्रदेश के मंडी में विजय दिवस पर शहीद स्मारक की नींव रखेंगे

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विजय दिवस
मंडी जिले में करगिल के शहीदों को समर्पित करगिल पार्क.

पाकिस्तान के साथ 1971 में हुये युद्ध की विजयश्री की याद में, हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में मनाये जाने वाले विजय दिवस के मौके पर, 16 दिसम्बर को शहीद स्मारक का शिलान्यास किया जायेगा. इस मौके पर होने वाले कार्यक्रम में 22 वीर नारियों को भी सम्मानित किया जायेगा. कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय प्रशासन और पूर्व सैनिक मिलकर कर रहे हैं.

शहीद स्मारक मंडी के इंदिरा मार्केट क्षेत्र में बनाया जायेगा और सांसद रामस्वरूप शर्मा इसकी आधारशिला रखेंगे. कार्यक्रम की तैयारियों के सिलसिले में बुलाई गई बैठक में मंडी सदर के एसडीएम मदन कुमार ने अधिकारियों और पूर्व सैनिकों से चर्चा की.

विजय दिवस
इंदिरा मार्केट…जहाँ स्मारक बनना है.

पूर्व सैनिकों की संस्था एक्स सर्विसमैन लीग के मंडी ज़िले के अध्यक्ष और करगिल में भी पाकिस्तानियों से दो-दो हाथ कर चुके ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने बताया कि शहीद स्मारक पर ज़िले के उन सभी सैनिकों के नाम अंकित होंगे जिन्होंने अभी तक हुये युद्धों में प्राणों की आहुति दी है. ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने बताया कि इस अवसर पर ज्यादा से ज्यादा पूर्व सैनिकों और कार्यरत सैनिकों के परिवारों को कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की गई है.

ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने उम्मीद ज़ाहिर की है कि ये स्मारक वर्तमान युवा पीढ़ी के लिए न सिर्फ चिर स्मरणीय प्रतीक का काम करेगा बल्कि प्रेरणा का स्रोत बनेगा. उन्होंने बताया कि अलग अलग काम के लिए अलग अलग कमेटियां बना दी गई हैं बल्कि काम की जिम्मेदारियां भी आवंटित की जा चुकी हैं. बैठक में ब्रिगेडियर ठाकुर के अलावा कर्नल के के मल्होत्रा, कर्नल जी एस शाही, कर्नल प्रताप ठाकुर, कर्नल जी एस तलवार, कैप्टन प्रकाश, शेष राम, रामभज, सूबेदार बहादुर सिंह, सूबेदार शेर सिंह, सूबेदार पूरण सिंह सहित कई पूर्व सैनिक मौजूद थे.

1971 के युद्ध में मंडी जिले के शहीद हुए 22 सैनिकों की सूची में हेम चंद, जय सिंह, छंगु राम, किरपा राम, रोशन लाल, सागर सिंह, किशन चंद, रूप सिंह, बंसी लाल, अमर सिंह, नरोत्तम राम, महंत राम, कृष्ण चंद, खूबचंद, मिल्खिराम, बक्शी सिंह, तुलसी दास, मनेजर, आर. सिंह, ज्ञान चंद, इन्दर सिंह और ठाकुर दास के नाम हैं.

भारतीय सैनिकों के राज्यवार आंकड़े देखे जायें तो अब तक शहादत देने और वीरता मेडल लेने में हिमाचल प्रदेश सबसे आगे रहा है. 1947 से लेकर अब तक इस राज्य से 1202 वीर सैनिकों ने शहादत दी है और 847 सैनिकों ने मेडल हासिल किये हैं. दूसरे नम्बर पर हरियाणा है जिसके खाते में अब तक वीरता के 792 मेडल गये जबकि तीसरे नम्बर पर 776 मेडल के साथ उत्तराखंड और इस लिस्ट में चौथा नम्बर पंजाब का है जिसे वीरता के 750 मेडल मिले हैं.

हिमाचली सैनिकों के जज़्बे का कायल पूरा सैन्य जगत है. भारत में अब तक 21 बहादुर सैनिकों को परमवीर चक्र से नवाजा गया है और इनमें से 4 परमवीर चक्र हिमाचल के जवानों के नाम हैं. सबसे पहला परमवीर चक्र प्राप्त करने वाले मेजर सोमनाथ शर्मा यहाँ के कांगड़ा जिले से थे. देश के लिए शहादतों का और वीरता सम्मान हासिल करने का तब से शुरू हुआ सिलसिला 1999 के करगिल संघर्ष तक और उसके बाद भी चलता आ रहा है.