बच्ची को जन्म देते ही तिरंगे में लिपटे पति लांस नायक रंजीत को श्मशान में देखा

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लांस नायक रंजीत
शहीद लांस नायक रंजीत सिंह के अंतिम संस्कार पर उमडा जनसैलाब. इन्सेट में नवजात और शहीद लांस नायक रंजीत सिंह. फोटो साभार : Excelsior/Pervaiz

शादी के आठ साल बाद घर में दीवाली से पहले आई अपनी पहली सन्तान को गोद में लेकर सिमरु देवी ने, जब तिरंगे में लिपटे पति लांस नायक रंजीत सिंह भूट्याल के पार्थिव शरीर को श्मशान भूमि पर देखा तो वहां मौजूद लोगों के लिए भी अपनी संवेदनाओं पर काबू पाना असम्भव हो रहा था. जम्मू कश्मीर के रामबन में सिमरु देवी अस्पताल की एम्बुलेंस में सिर्फ एक दिन की अपनी बच्ची को लेकर चिनाब नदी के किनारे शवदाह गृह पहुंची थी.

36 वर्षीय लांस नायक उन 3 जवानों में से एक थे जो रविवार (21 अक्टूबर 2018) को पाकिस्तानी घुसपैठियों के हमले में शहीद हुए थे. अखनूर गैरीसन और चन्द्रकोट सेना मुख्यालय में सैन्य रस्मों के साथ श्रद्धांजलि अर्पण के बाद 22 अक्टूबर को जब इस बहादुर को तिरंगे में ओढ़ा कर पैतृक गाँव सुलिगाम लाया गया तो ये वो दिन था जब उन्हें छुट्टी लेकर घर लौटना था. डाक्टर ने उनकी पत्नी सिमरु देवी की डिलीवरी के लिए वही तारीख दी हुई थी. पूरा परिवार खुश था क्योंकि बरसों बाद रंजीत और सिमरु के जीवन में प्रकृति उपहार देने वाली थी. लेकिन सब कुछ एक झटके में ख़त्म हो गया. लांस नायक रंजीत सिंह भूट्याल हमेशा के लिए इस संसार से छुट्टी ले गये और जब लौटे तो सेना के ताबूत में.

क्यूंकि प्रसव के बाद सिमरु रामबन में ज़िला अस्पताल में थीं तो अंतिम संस्कार वहां से नज़दीक शवदाह गृह पर करने के लिए लांस नायक रंजीत सिंह का पार्थिव शरीर अगले दिन चम्बा सेरी लाया गया. ‘भारत माता की जय’ और ‘अमर रहे शहीद रंजीत सिंह’ के नारों के बीच अंतिम यात्रा में तिरंगे में लिपटा फूलों से सजा लांस नायक का पार्थिव शरीर लेकर बड़ी तादाद में नाते, रिश्तेदार, साथी फौजी और स्थानीय ज़िला प्रशासन के अधिकारी लेकर पहुंचे. गम और गुस्से के साथ, पिता के जाने और पुत्री के आने की घटना से उपजे भावों के बीच लोगों ने अपने प्रिय को अलविदा कहा.

लांस नायक रंजीत सिंह को अंतिम विदाई देने के लिए वहां विधायक नीलम कुमार लंगेह के अलावा, जिला अस्पताल के डाक्टर और स्टाफ, जिले की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अनीता शर्मा और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय परिहार के साथ साथ सैकड़ों लोग मौजूद थे.

ज़िला अस्पताल के डाक्टर दिनेश कुमार ने बताया कि 22 अक्टूबर की रात 11:40 बजे प्रसव पीड़ा होने पर सिमरु देवी को अस्पताल लाया गया था जहां सुबह 5:00 उन्होंने बच्ची को जन्म दिया. पत्नी व इस नवजात के अलावा लांस नायक रंजीत सिंह के परिवार में माता पिता और छोटी तीन बहनें और तीन भाई हैं. रामबन के स्कूल में दसवीं तक पढ़ाई करने का बाद 2002 में रंजीत भारतीय सेना में भर्ती हुए जोकि रंजीत का बचपन से सपना था.