भारत चिली को रक्षा सामान बेचने के लिए बोली में शामिल होने का इच्छुक

317
रक्षा उत्पादन
प्रतीकात्मक फोटॉ

रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में साझेदारी के मद्देनज़र भारत और चिली के अधिकारियों और उत्पादकों के वेबिनार के दौरान विभिन्न ज़रूरतों पर चर्चा हुई. रक्षा मंत्रालय की तरफ से आयोजित इस वेबिनार में तकरीबन 130 नुमायंदों ने हिस्सा लिया जिनमें टाटा, एल एंड टी और महेंद्रा जैसे उद्योग जगत की बड़े नाम वाली कम्पनियों के प्रतिनिधि भी थे जो आटो मोबाइल और बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन जैसे काम के साथ साथ अब रक्षा उत्पादन भी कर रही हैं. वैसे कुल मिलाकर इस विषय पर भारत का नज़रिया ये था कि किस तरह अपने रक्षा उत्पाद को अन्य देशों को बेचकर निर्यात से आमदनी बढ़ाई जा सके.

वेबिनार का विषय “इंडियन डिफेंस इंडस्ट्री ग्लोबल आउटरीच फॉर कॉलबोरेटिव पार्टनरशिप : वेबिनार एंड एक्सपो” था जो 25 मार्च को किया गया. वेबिनार का आयोजन रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग द्वारा सोसाइटी फ़ॉर इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) के ज़रिये से किया गया था.

रक्षा उत्पादन
रक्षा उत्पादन

भारत के रक्षा सचिव (रक्षा उत्पादन) राज कुमार, चिली सरकार के रक्षा मंत्रालय के प्रौद्योगिकी विकास एवं उद्योग प्रभाग के प्रमुख ऑस्कर बस्तोस तथा दोनों पक्षों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने वेबिनार में शिरकत की. वेबिनार के उद्घाटन भाषण में सचिव राज कुमार ने विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय रक्षा उद्योग की मजबूत क्षमताओं और आपसी हित के क्षेत्रों में सह-विकास और सह-उत्पादन के लिए चिली की रक्षा कंपनियों के साथ सहयोग करने की इच्छा पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि भारत चिली के सशस्त्र बलों की बोली के ज़रिए चलाई जाने वाली अधिग्रहण प्रक्रिया में हिस्सा लेने का इच्छुक है.

भारतीय कंपनियों एल एंड टी, भारत फोर्ज, गोवा शिपयार्ड लिमिटेड, एचएएल, महिंद्रा डिफेंस, एमकेयू, ओएफबी और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स ने प्रमुख डिफेंस प्लेटफॉर्म्स एवं उत्पादों पर प्रस्तुतिकरण दिया. चिली की तरफ से FAMAE/S2T, ASMAR/SISDEF और ENAER/DTS ने कंपनी प्रस्तुतिकरण दिया. भारतीय कंपनियों की तरफ से 100 से ज्यादा आभासी प्रदर्शनी स्टॉल लगाए गए थे.

रक्षा मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह वेबिनार उन वेबिनारों की श्रृंखला का हिस्सा था जो रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने और वर्ष 2025 तक 5 अरब अमेरिकी डॉलर के रक्षा निर्यात लक्ष्य हासिल करने के मकसद से भारत के मित्र देशों के साथ आयोजित किये जा रहे हैं.