ये हैं दिल्ली पुलिस के ऐसे पहले कमिश्नर जो जमकर क्रिकेट भी खेले

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विजेता दिल्ली पुलिस की टीम

दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव क्रिकेट भी बढ़िया खेलते हैं और खूब खेलते हैं. उनके पुराने साथी तो ये जानते हैं लेकिन आज पुलिस अधिकारियों की नई पीढी ने भी ये देखा. दिल्ली के ऐतिहासिक फ़िरोज़ शाह कोटला ग्राउंड (अब अरुण जेटली स्टेडियम) में रविवार को खेले गये सालाना जी. मुरली क्रिकेट मैच में पुलिस और मीडिया की टीमों के बीच हुए मुकाबले में एस एन श्रीवास्तव ने बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग भी जमकर करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को हर उम्र में फिटनेस की महता का संदेश भी दिया. इस बार का जी. मुरली क्रिकेट मैच दो पहलुओं से ऐतिहासिक रहा. पहला तो ये कि तकरीबन 30 साल के इस क्रिकेट मुकाबले के इतिहास में ये पहला मौका था जब किसी पुलिस कमिशनर ने एक खिलाड़ी के तौर पर पूरी तरह हिस्सा लिया हो और दूसरा, कमिश्नर – XI ने लगातार तीसरे साल मीडिया -XI टीम को हरा कर ट्राफी जीतने की हैट्रिक बनाई.

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बल्लेबाजी करते दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव.

दिलचस्प है कि वैसे मैच की शुरुआत में ही दिल्ली पुलिस टीम के कप्तान सतीश गोलचा ने ऐलान कर डाला था कि उनकी पूरी तैयारी इस बार भी मैच जीतकर हैट्रिक बनाने की है. मीडिया टीम के कप्तान सुरेश झा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का फैसला लिया. ओपनिंग के लिए उतरे हरफनमौला खिलाड़ी चिराग गोठी के शुरू शुरू में ही आउट हो जाने से मीडिया XI को तगड़ा झटका लगा लेकिन दीपक और हेमंत की बल्लेबाज़ी ने जैसे तैसे एक सम्मानजनक स्कोर बना ही लिया. इस 20 – 20 मैच में मीडिया टीम ने 8 विकेट गंवाकर 134 रन बनाये वैसे इनमें से भी 20 तो वाइड बाल के रन थे जबकि दिल्ली पुलिस टीम ने मात्र 13 ओवर में बिना विकेट गंवाये इस लक्ष्य को हासिल कर लिया.

औसतन हर ओवर में दिल्ली पुलिस के गेंदबाज़ ने एक वाइड बाल की. हालांकि ये किसी भी नजरिये से अच्छी गेंदबाज़ी नहीं कही जा सकती. चिराग गोठी का अप्रत्याशित विकेट गिरने के अलावा टीम के एक उत्साही युवा गेंदबाज़ को गंभीर चोट लगने से भी मीडिया टीम को नुकसान हुआ. मीडिया टीम में अनुशासन की कमी भी पुलिस की जीत का कारण बनी.

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और गेंदबाजी करते दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव.

दोनों टीमों में मैच पर फोकस और अनुशासन का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है की एक तरफ तो पुलिस टीम सप्ताह भर पहले भी की गई प्रेक्टिस के बाद मैदान में उतरी थी और दूसरी तरफ मीडिया टीम का हाल ये था कि एक बारगी फील्डिंग में इसके 12 खिलाड़ी मैदान में उतरे दिखाई पड़ गए और इसकी पेनल्टी के तौर पर अम्पायर ने उस वक्त बल्लेबाजी कर रहे पुलिस टीम के एके सिंगला को फ्री हिट बाल भी कराई. वो अलग बात है कि बल्लेबाज़ इसका फायदा न उठा सके. मीडिया टीम के हेमंत बेस्ट बैट्समेन घोषित किये गये जबकि एस एन श्रीवास्तव के खेल और खेल भावना के मद्देनजर उन्हें मैन ऑफ़ द मैच भी घोषित किया गया. वैसे डीसीपी रहते समय भी एस एन श्रीवास्तव जी मुरली ट्रॉफी खेलते रहे हैं.

कमिश्नर के खेलने पर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने टिप्पणी भी की कि आज अपने से जूनियर अधिकारी की कप्तानी में भी क्रिकेट खेलकर कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव ने खेल भावना और टीम भावना पर ज़ोर देने का संदेश भी दिया. साथ ही हर हालात में साथियों के साथ होने की अपनी छवि को भी उन्होंने नये रूप में पेश किया. रक्षक न्यूज़ से इस मौके पर बातचीत के दौरान पुलिस कमिश्नर ने अपनी उस नीति या यूँ कहें कि कार्यशैली के बारे में बताया जिसमें मातहतों से निरंतर और ज्यादा बातचीत या सम्पर्क में रहने को अहमियत दी जाती है. इस दौरान उन्होंने अपने एक कार्यक्रम का भी ज़िक्र किया जो भारत के प्रधानमन्त्री नरेंद मोदी के ‘मन की बात’ के तर्ज़ पर हर महीने होता है.

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मीडिया इलेवन की टीम

जी. मुरली ट्रॉफी का आयोजन 1982 से पत्रकार जी. मुरली की याद में किया जाता है जो अंग्रेजी अखबार पेट्रियट में कार्यरत थे और एक पर्वतारोही अभियान के दौरान बीमार होने से उनका निधन हो गया था. ट्रॉफी की शुरुआत करने वालों में से एक रहे पत्रकार रमाकांत गोस्वामी भी इस अवसर पर विशेष अतिथि थे. श्री गोस्वामी पत्रकारिता के बाद राजनीति में आये और दिल्ली सरकार में मंत्री भी रहे. दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्तों में से बालाजी श्रीवास्तव, सुन्दरी नन्दा, संजय सिंह और ताज हसन भी इस अवसर पर मौजूद थे. तबीयत सही न होने के बावजूद दिल्ली पुलिस के पूर्व जन सम्पर्क अधिकारी रवि पवार का इस आयोजन में आना भी एक उस वर्ग विशेष के लिए इसकी महत्ता बताता है जो पुलिस और पत्रकारों के बेहतर संबंधों के पक्षधर है. जी मुरली ट्रॉफी के सुनहरे इतिहास में श्री पवार का अहम योगदान रहा है.

जी. मुरली ट्रॉफी का आयोजन शुरुआती सालों में हमेशा फिरोज शाह कोटला में होता था लेकिन बीच बीच में किसी न किसी कारण इसका स्थान बदलता रहा. दो साल के अंतराल के बाद ये मैच फिर यहाँ खेला गया. इसके लिये पुलिस कमिश्नर की तरफ से, स्टेडियम की देखभाल करने वाली डीडीसीए (दिल्ली एवं ज़िला क्रिकेट एसोसियेशन ‌(Delhi and District Cricket Assosiation – DDCA) के प्रति आभार प्रकट किया गया. इस अवसर पर डीडीसीए के अध्यक्ष रोहन जेटली भी विशेष तौर पर उपस्थित थे. रोहन जेटली स्वर्गीय केन्द्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता रहे अरुण जेटली के पुत्र हैं और उन्हें पिछले साल ही डीडीसीए का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया था. वैसे इस स्टेडियम का नाम भी उनके पिता के नाम पर है और पिता की तरह रोहन भी पेशे से वकील हैं.

दिल्ली पुलिस की तरफ से इस अवसर पर अपने धन्यवाद अभिभाषण में ज्वाइंट कमिश्नर देवेश श्रीवास्तव ने इस बात का विशेष तौर पर ज़िक्र किया कि अगले महीने आईपीएल मैच के लिए इस स्टेडियम को तैयार करने की ज़िम्मेदारी के बावजूद डीडीसीए ने आज के मैच के आयोजन के लिए पिच मुहैया कराकर प्रशंसा प्राप्त की है. यूँ तो दिल्ली पुलिस इस आयोजन की ज़िम्मेदारी लेती है लेकिन इस बार डीडीसीए ने भरपूर सहयोग देकर एक तरह से सह आयोजक की भूमिका निभाई है. दिल्ली क्राइम रिपोर्टर्स एसोसियेशन के पूर्व अध्यक्ष ललित वत्स सहित कुछ और वरिष्ठ पत्रकार भी इस अवसर पर थे जो जी मुरली ट्रॉफी से जुड़े रहे हैं. रक्षक न्यूज़ के सम्पादक संजय वोहरा भी मीडिया टीम के खिलाड़ी के तौर पर खेले और विशेष मेहमान के तौर पर भी पुलिस कमिश्नर ने उनका स्वागत किया.