भारतीय थल सेना के लिए 3000 करोड़ रुपये की सैटेलाइट बनाने की तैयारी

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थल सेना
सांकेतिक तस्वीर

भारतीय थल सेना की अपने लिए अलग से सैटेलाइट की बरसों पुरानी ज़रूरत अब पूरी होने जा रही है. भारत के रक्षा मंत्रालय ने थल सेना के लिए अलग सैटेलाइट, जी सैट 7 B , विकसित करने के लिए न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (New Space India Limited – NSIL) के साथ करार किया है. एनएसआईएल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation- ISRO) का ही संस्थान है. उम्मीद की जा रही है कि इस सैटेलाइट की उपलब्धता से भारतीय थल सेना की संचार प्रणाली की ज़बरदस्त क्षमता बढ़ेगी और ये काफी मज़बूत हो जाएगी.

वर्तमान में थल सेना के पास भारतीय वायुसेना और नौसेना की तरह अलग से सैटेलाइट उपलब्ध नहीं है.

रक्षा मंत्रालय ने इस अत्याधुनिक सैटेलाइट के लिए न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड के साथ 3000 करोड़ रूपये का करार किया है. इस करार के मुताबिक़ सैटेलाइट 2026 तक तैयार हो जाएगी. पांच टन वाली इस सैटेलाइट को इसरो स्वदेश में विकसित करेगा. संचार प्रणाली में नई जान फूंकने वाली इस सैटेलाइट से दूर दराज के इलाकों में ग्राउंड में तैनात सैनिकों के साथ साथ विभिन्न हथियार बंद प्रणालियों और हवाई क्षेत्र प्रणाली से संपर्क में मजबूती आएगी.