जम्मू कश्मीर के राजौरी में आतंकवादियों का पीछा कर रहे सैनिकों का नेतृत्व कर रही मादा श्वान ( female dog ) केंट की बहादुरी को सब याद कर रहे हैं. कई सैनिक कार्रवाइयों में कामयाबी दिलाने वाली लेब्राडोर नसल की सुनहरी रंग की 6 वर्षीया केंट एक सच्चे फौजी की तरह फर्ज़ की खातिर अपनी जान पर खेल गई .
केंट (kent ) , दरअसल राजौरी में आतंकवादियों को ट्रेक करने वाली सैनिक टुकड़ी का नेतृत्व कर रही थी . हथियार से लैस आतंकवादी पर उसने हमला किया . इस बीच दोनों तरफ से फायरिंग हुई जिसमें दो आतंकवादी मारे गए . लेकिन इस मुठभेड़ में भारतीय सेना का एक जवान और केंट की भी जान गई.
राजौरी ज़िले में सुरक्ऑषा बलों के इस ऑपरेशन में अपने हैंडलर को बचाने में कुरबान हुई केंट थल सेना की 21 डॉग यूनिट की सदस्य थी और अब तक 9 कार्रवाइयों में हिस्सा ले चुकी थी . सेना की एक सदस्य के तौर पर केंट को पहचान के लिए 08B2 नंबर दिया गया था .

वह नज़ारा सच में भावुक कर देने वाला था जब केंट को एक सैनिक की तरह इस संसार से आखरी विदाई देने के लिए सैन्य सम्मान के मुताबिक़ तिरंगे में लपेट कर रखा गया था. केंट के बेजान शरीर पर सैनिक पुष्प तो अर्पित कर ही रहे थे ठीक उसी तरह उसके पाँव छूकर नमन भी कर रहे थे जैसे आमतौर पर अंतिम संस्कार से पहले लोग अपनों के पार्थिव शरीर पर नमन करते हैं.
केंट की सैन्य सम्मान के साथ बुधवार को विदाई से पहले श्रद्धांजलि अर्पित किये जाने का यह मर्मस्पर्शी वीडियो काफी लोग देख रहे हैं . बेशक यह बेहद दुखदायक घटना है लेकिन इसमें इंसान और जानवर के बीच रिश्तों , जज्बातों और एक दूसरे के प्रति फर्ज़ निभाने की खूबसूरत कहानी भी छिपी हुई है .
सेना की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक़ पीछा करते वक्त केंट ने खुद आगे बढ़कर आतंकवादी पर पहले हमला किया ताकि उसके हैंडलर की जान बच सके . नरला गांव में हुई इस मुठभेड़ में सेना के दो जवान और एक विशेष पुलिस अधिकारी घायल भी हुआ .
