सेना आयुध कोर के ब्रिगेडियर जेएस सैगल ने कानपुर में आखिरी सांस ली

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ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) जेएस सैगल
ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) जेएस सैगल की यह तस्वीर 7 नवंबर 1970 की है जब वह Colour Presentation Parade में शामिल हुए थे. यह फोटो उनकी बेटी गीतांजलि कोहली ने उपलब्ध कराई है. Source/Rakshaknews.in

ऐतिहासिक सेना आयुध कोर (army ordinance corps) की 48 साल पहले आयोजित कलर प्रजेंटेशन परेड की इस खास तस्वीर में कोर के ध्वज को ड्रम से स्पर्श करने की गौरवमयी रस्म पूरी करने वाला ये जानदार फ़ौजी अफसर अब इस दुनिया से कूच कर गया है. सेना में रह कर, देश के अलग अलग हिस्सों में ही नहीं विदेशों में भी और रणक्षेत्रों में सेवाएँ दे चुके ये अफ़सर थे कानपुर (उत्तर प्रदेश) के तिलक नगर निवासी 89 साल के ब्रिगेडियर जे एस सैगल (सहगल) जिन्होंने इसी शहर में सोमवार (3 सितंबर) को आखिरी सांस ली. जोशीले संगीत के स्रोत ड्रम और फौजी रंग से सराबोर ये तस्वीर कानपुर के इस सैगल परिवार के लिए ब्रिगेडियर जेएस सैगल की सबसे खूबसूरत यादों में से एक है. वह एक महीने से बीमार चल रहे थे. उनका अंतिम संस्कार पूरे सैनिक सम्मान के साथ किया गया. मुखाग्नि उनकी बेटी गीतांजलि कोहली ने दी. ब्रिगेडियर सैगल की बेटी गीतांजलि कोहली ने फोन पर जानकारी दी कि गुरुवार (6 सितंबर 2018) को दोपहर साढे तीन से पांच बजे तक उनके निवास पर शांति पाठ होगा. उन्होंने बताया कि दुख कि इस घड़ी में सेना ने उनका बहुत साथ दिया है.

ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) जेएस सैगल
ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) जेएस सैगल को अंतिम विदाई देते उनके परिजन.
ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) जेएस सैगल
ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) जेएस सैगल की यह फोटो उनकी बेटी गीतांजलि कोहली ने उपलब्ध कराई है. Photo/rakshaknews.in

ब्रिगेडियर सैगल की बेटी गीतांजलि ने बताया कि Indian Military Academy (IMA) के Alumni रहे ब्रिगेडियर सैगल 11 दिसंबर 1949 को IMA से पास आउट हुए और भारतीय सेना की आर्डिनेंस कोर में कमीशन प्राप्त किया था और 34 वर्ष की सेवा के बाद 1983 में रिटायर हो गये थे. उन्होंने 1958 में यूएन पीस कीपिंग फोर्स के रूप में गाज़ा पट्टी में भारतीय आर्डनेंस दल का नेतृत्व किया था. उनके समर्पित पेशेवराना अंदाज की सराहना यूएन फोर्सेस ने भी की थी. 1962 में वह आर्डनेंस स्कूल जबलपुर में इंस्ट्रक्टर रहे. भारत-चीन युद्ध के वेटरन ब्रिगेडियर सैगल को 1970 में अमेरिका में उस समय के प्रतिष्ठित Logistics and Management Course के लिये भी चुना गया था. वह सितंबर 1983 में रिटायर हुए.

उनकी बेटी गीतांजलि और ला मिलिटेयर अकादमी (La Militaire Academy) के प्रमुख कर्नल एसएम शुक्ला ने बताया कि ब्रिगेडियर साहब फिटनेस के प्रति बहुत जागरूक रहते थे. और वह एक उच्च श्रेणी के गोल्फर होने के साथ-साथ तैराकी और ब्रिज के भी शौकीन थे. गीतांजलि ने बताया कि वह एक बेहतरीन एथलीट भी थे.

रिटायरमेंट के बाद ‘Little Scholers Nursery’ स्कूल का संचालन किया

ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) जेएस सैगल
ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) जेएस सैगल की यह फोटो उनकी बेटी गीतांजलि कोहली ने उपलब्ध कराई है. Photo/rakshaknews.in

गीतांजलि के मुताबिक रिटायरमेंट के बाद उन्होंने 1997 तक अपने भाई कर्नल जेआर सैगल के साथ ‘Little Scholers Nursery’ स्कूल का संचालन किया. वह इंडियन एक्स-सर्विसेज लीग (Indian Ex Services League) के सक्रिय पदाधिकारी भी रहे. उनके निधन की जानकारी मिलते ही कानपुर में रहने वाले पूर्व सैनिक अधिकारियों और कार्यरत सेनाधिकारियों ने उनके आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों में स्टेशन कमांडर ब्रिगेडियर भटनागर, डिप्टी कमांडर कर्नल बसंत सिंह, एक्स सर्विस लीग के प्रेसीडेंट मेजर योगेंद्र सिंह शामिल रहे.

La Militaire Academy से अंत तक जुड़े रहे ब्रिगेडियर सैगल : कर्नल (रिटा.) एसएम शुक्ला

ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) जेएस सैगल
रक्षकन्यूज.इन से ब्रिगेडियर सैगल से जुड़ी यादें साझा करते कर्नल (रिटायर्ड) एसएम शुक्ला. Photo/Anil Mishra

कानपुर के किदवई नगर में La Militaire Academy चलाने वाले कर्नल (रिटा.) एसएम शुक्ला से रक्षकन्यूज.इन ने बात की तो वह यादों में खो गये और ब्रिगेडियर सैगल के बारे में खूब बात की. कई जानकारियां दीं. उन्होंने बताया कि आज सुबह अकादमी में श्रद्धांजलि सभा हुई जिसमें अकादमी के 100 से ज्यादा छात्रों, शिक्षकों और स्टाफ कर्मियों ने शिरकत की और उनके प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए अपने-अपने तरीके से उन्हें याद किया. सभा में उनकी आत्मा की शांति के लिये प्रार्थना की गई. दरअसल ब्रिगेडियर सैगल इस अकादमी से 1990 से जुडे थे. वह अकादमी के संरक्षक और वरिष्ठ सलाहकार थे. वह यहाँ आते रहते थे. आखिरी दफा वह यहाँ दिसंबर 2017 में आए थे. इसके बाद वह अस्वस्थता के कारण नहीं आ पाते थे लेकिन फोन पर वह अकादमी से जुडे रहते थे.

कर्नल शुक्ला ने बताया कि ब्रिगेडियर सैगल जिन-जिन पदों और क्षेत्रों में रहे वहां उन्होंने नाम और प्रसिद्धि पाई. वह स्वभाव से बेहद विनम्र और सम्मान देने वाले शख्स थे. उनके साथी, जूनियर और सीनियर सभी उन्हें समान रूप से सम्मान देते थे. कर्नल शुक्ला के मुताबिक ब्रिगेडियर साहब La Militaire Academy को बहुत अच्छी तरह से गाइड करते थे और एक अभिभावक का रोल निभाते थे. हमें उनकी कमी बहुत अखरेगी. उन्होंने अकादमी को बढाने और ऊंचे मुकाम तक ले जाने में बहुत मदद की.

कर्नल शुक्ला ने जानकारी दी कि ब्रिगेडियर साहब ने डिफेंस के रिटायर्ड अधिकारियों को संगठित और एकजुट रखने के लिये पहल की और Kanpur Defense Officers Association नामक संस्था स्थापना की. डिफेंस के रिटायर्ड अधिकारी और उनके परिवार इसके लिये उनके शुक्रगुजार हैं.