भारत के सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने दुनिया के सबसे ऊँचे रणक्षेत्र सियाचिन में पहुँच सैन्य तैयारियों का जायजा लिया. उन्होंने वहां तैनात जवानों से बात की और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ परिचालन तैयारियों की समीक्षा की .
सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ( gen manoj pande) ने सियाचिन स्थित समर स्मारक ( siachen war memorial ) पर पुष्पचक्र अर्पित किया. उन्होंने यहां देश सेवा की खातिर अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान कर देने वाले जांबाज़ सैनिकों को नमन किया . इस अवसर पर सेना के वरिष्ठ अधिकारी भी उनके साथ थे.
सियाचिन क्या है :
हिमालय की पूर्वी काराकोरम रेंज ( karakoram range) स्थित 76 किलोमीटर लंबा सियाचिन ग्लेशियर वो स्थान है जहां भारत और पाकिस्तान की सीमा नियंत्रण रेखा समाप्त होती हैं . यह समुद्र तट से तकरीबन 19 हज़ार फुट ऊँचा है और इसका ज़्यादातर हिस्सा भारत के केन्द्रशासित क्षेत्र लदाख के प्रशासनिक नियंत्रण में आता है . पाकिस्तान भी इसके एक हिस्से पर अपना दावा करता रहा है. इसे लेकर दोनों सेनाओं के बीच संघर्ष भी हुए.
भारत और पाकिस्तानी सैनिकों के बीच यहां होती रहीं झड़पों के कारण इसे ऐसे रणक्षेत्र के तौर देखा जाने लगा जो दुनिया में सबसे ज्यादा उंचाई पर है . रहना तो क्या यहां की बेहद दुरूह परिस्थितियों के कारण इंसान के लिए सामान्य गतिविधियां करना या कहीं कहीं तो सांस तक लेना मुमकिन नहीं है. गर्मियों तक में तापमान शून्य से 30 डिग्री नीचे तक आ जाता है . बावजूद इसके भारत और पाकिस्तान यहां अपने सैनिकों की काफी उपस्थिति रखते हैं . अस्सी के दशक के बाद से भारत ने अपनी मौजूदगी यहां और बढ़ाई है .
सामरिक महत्व :
भारत ने इसे पाकिस्तान के कब्ज़े से मुक्त कराकर अपना अधिपत्य स्थापित कर लिया है . अब यहां के रिज पर भारत ने अपनी तकरीबन 100 सैनिक चौकियां स्थापित कर ली हैं जबकि पाकिस्तानी सेना की स्थिति यहां काफी कमज़ोर है . पाकिस्तानी सैनिकों की चौकियां भारतीय चौकियों से तकरीबन 3000 फीट नीचे है .
सियाचिन का मतलब :
सियाचिन का नामकरण बेहद दिलचस्प है . इस क्षेत्र में बोले जाने वाली बाल्टी (balti ) भाषा में ‘सिया ‘ का मतलब गुलाब का फूल होता है और ‘चिन ‘ का मतलब ऐसी वस्तु जो बहुतायत में उपलब्ध हो. क्योंकि इस क्षेत्र में गुलाब बहुतायत में पाए जाते है तो इसका नाम सियाचिन पड़ा गया.