महात्मा गांधी जयंती योजना में 900 से अधिक कैदियों को विशेष माफी

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महात्मा गांधी
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती

महात्‍मा गांधी की 150वीं जयंती कार्यक्रमों के तहत, भारतीय जेलों में बंद कैदियों को विशेष माफी के पहले चरण में, राज्‍यों और संघ शासित प्रदेशों ने 900 से ज़्यादा कैदियों को रिहा किया है . दूसरे चरण में 6 अप्रैल, 2019 को और तीसरे चरण में 2 अक्‍टूबर, 2019 को रिहा किया जाएगा.

राज्‍यों और संघ शासित प्रदेशों को गृह मंत्रालय की तरफ से सलाह दी गई है कि वे सभी जेल परिसरों में कैदियों की रिहाई के लिए तय तारीख से पहले ,एक हफ्ते तक, महात्‍मा गांधी की शिक्षाओं पर आधारित विशेष समारोह आयोजित करें. उन कैदियों को महात्‍मा गांधी की प्रतिमा तक ले जाया जाए, जहां वे उस पर माल्यार्पण करें. कैदियों को रिहा करते समय उन्‍हें महात्‍मा गांधी से जुड़ी किताबें उपहार में दी जाए और उन्‍हें उचित सलाह मशवरा दिया जाए.

महात्‍मा गांधी की 150वीं जयंती कार्यक्रमों के अंतर्गत, 18 जुलाई, 2018 को केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में , कैदियों की कुछ श्रेणी को विशेष माफी दिए जाने का, फैसला लिया गया था.

गृह मंत्रालय की विज्ञप्ति के मुताबिक कैदियों की ये श्रेणियां विशेष माफी के योग्‍य हैं :

  • 55 वर्ष व उससे अधिक उम्र की महिला कैदी जिन्होंने अपनी वास्तविक सजा की अवधि का 50 प्रतिशत सजा काट ली है.
  • 55 वर्ष और उससे अधिक उम्र के ट्रांसजेंडर जिन्होंने अपनी वास्तविक सजा की अवधि का 50 प्रतिशत सजा काट ली है.
  • 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के पुरूष जिन्होंने अपनी वास्तविक सजा की अवधि का 50 प्रतिशत सजा काट ली है.
  • दिव्यांग/शारीरिक रूप से अक्षम कैदी, जो 70 प्रतिशत दिव्यांग हैं और जिन्होंने अपनी वास्तविक सजा की अवधि का 50 प्रतिशत सजा काट ली है.
  • लाइलाज बीमारी के शिकार कैदी
  • ऐसे कैदी जिन्होंने अपनी वास्तविक सजा की अवधि का दो तिहाई (66 प्रतिशत) सजा काट ली है.

विशेष माफी योजना उन कैदियों के लिए उपलब्ध नहीं है, जिन्हें अपराध के लिए मृत्युदंड दिया गया है अथवा मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदल दिया गया है. इनमें गंभीर और जघन्य अपराधों जैसे पोटा, यूएपीए, टाडा, एफआईसीएन, पोक्सों कानून, मनी-लॉन्ड्रिंग, फेमा, एनडीपीएस, भ्रष्टाचार निरोधक कानून आदि में शामिल कैदी आते हैं.