मिलें पाकिस्तान के होने वाले नए सेनाध्यक्ष से जिनकी नियुक्ति पर असंतोष भी है

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लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर
लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर और लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्ज़ा

लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर को पाकिस्तान का सेना प्रमुख नियुक्त किया गया है. वहीं एक अन्य लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्ज़ा को सेना की चीफ्स ऑफ़ स्टाफ कमेटी का चेयरमैन (Chairman of Joint Chiefs of Staff Committee) नियुक्त किया गया है. आसिम मुनीर जनरल कमर जावेद बाजवा का स्थान लेंगे जो 6 साल का कार्यकाल पूरा करके 29 सितंबर को रिटायर हो रहे हैं. इन नियुक्तियों के ऐलान के बाद विवाद भी खड़ा हो गया है. खासतौर से आसिम मुनीर को सेना की कमान देने के ऐलान पर 24 जनवरी के इस ऐलान के साथ उनको 4 स्टार जनरल भी बना दिया गया है. अब वो चीफ ऑफ़ आर्मी स्टाफ होंगे. पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री मुहम्मद शहबाज़ शरीफ के इस बाबत लिए गए फैसले के बाद पाकिस्तान सेना के कुछ वरिष्ठ अफसरों में असंतोष पैदा हुआ और इस तरह की चर्चा भी है कि ऐसे ही अधिकारियों ने इस्तीफा तक दे दिया है.

जनरल बाजवा के परिवार की संपत्ति को लेकर बवाल पहले ही शुरू हो चुका है और ये वहां का सियासी मुद्दा भी बना हुआ है. इलज़ाम है कि बाजवा के कार्यकाल के दौरान उनके परिवार वालों के नाम अरबों रूपये की ज़मीन जायदाद जमा हुई है. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमन्त्री इमरान खान ने तो यहां तक इलज़ाम लगाया है कि जनरल बाजवा ने उनको सत्ता से हटाने के पूरे एपिसोड में ख़ास भूमिका निभाई है. पाकिस्तानी मीडिया में इस तरह की सामग्री प्रचारित हुई है जिसमें यहां तक कहा गया है कि जनरल आसिम मुनीर बाजवा के कृपापात्र रहे हैं इसलिए बाजवा की मदद करेंगे. आसिम मुनीर को बाजवा की ही परछाई बताया जा रहा है. हालांकि आसिम मुनीर की सेनाध्यक्ष पद पर नई नियुक्ति का इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ़ (पीटीआई – pti) ने स्वागत किया है. हालांकि इमरान खान की सरकार के कार्यकाल के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर को पाकिस्तान सेना के अहम विंग यानि गुप्तचर एजेंसी इंटर सर्विसेज़ इंटेलिजेंस (आई एस आई – isi ) के प्रमुख के ओहदे से सिर्फ आठ महीने बाद ही हटा दिया गया था.

कौन हैं आसिम मुनीर :

आसिम मुनीर पाकिस्तान की सेना में सेकंड लेफ्टिनेंट के तौर पर 1986 में भर्ती हुए थे. वे मंगला स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग स्कूल के 17 वें कोर्स के छात्र रहे. आसिम मुनीर ने फ्रंटियर फ़ोर्स रेजीमेंट की 23 वीं बटालियन में कमीशन हासिल किया था और इसी रेजीमेंट को कमांड करने का उनको मौक़ा भी मिला. उनको पाकिस्तान मिलिटरी अकेडमी के सोर्ड ऑफ़ ऑनर (sword of honor) से भी सम्मानित किया गया था. विभिन्न प्रकार के सैन्य सम्मान प्राप्त आसिम मुनीर एक अध्यापक के पुत्र हैं. उनके पिता सैयद सरवर मुनीर प्रिंसिपल के तौर पर रिटायर हुए थे.

लेफ्टिनेंट जनरल मुनीर वर्तमान में सेना के मुख्यालय में तैनात हैं और क्वाटर मास्टर जनरल के उस ओहदे पर हैं जिसकी ज़िम्मेदारी सेना को होने वाली हर तरह की आपूर्ति को सुनिश्चित करना और उस पर नज़र रखना है. आसिम मुनीर आईएसआई ( isi ) के महानिदेशक तो रहे ही उन्होंने पाकिस्तान के मिलिटरी इंटेलिजेंस शाखा के महानिदेशक के ओहदे पर भी काम किया. आसिम मुनीर की छवि भारत के घोर विरोधी सैनिक अधिकारी की है. इससे पहले 2018 में उन्हें मेजर जनरल पद से तरक्की देकर लेफ्टिनेंट जनरल बनाया गया था.