युद्ध, क्रिकेट और गोल्फ़-इन तीन मैदानों में अपनी अलग पहचान कायम करने वाले भारतीय सेना के पैरा ट्रूपर मेजर जनरल जोगिन्दर सिंह राव आज जिंदा होते तो 80 वें साल का केक काट रहे होते. कालांतर के साथ यादों से धूमिल होते गये ये मेजर जनरल कुछ लोगों को आज भी बहुत याद आते हैं. पाकिस्तान के साथ 1965 और फिर 1971 के युद्ध में हिस्सा लेने वाले जोगिन्दर सिंह राव ने जहां वीरता का मेडल हासिल किया वहीं फर्स्ट क्लास क्रिकेट के इतिहास में एक ऐसा रिकार्ड भी बनाया जो आज तक कोई गेंदबाज़ नहीं तोड़ सका.
क्रिकेट के 200 साल के इतिहास में मेजर जनरल जोगिन्दर सिंह राव के अलावा ऐसा कोई खिलाड़ी नहीं है जिसने अपने करियर के शुरुआती दो क्रिकेट मैच में तीन हैट्रिक लगाई हों. अगर 1964 में आसमान से पैराशूट के साथ छलांग लगाते वक्त हुए हादसे में उनकी कलाई में फ्रेक्चर न हुआ होता तो मध्यम गति के इस तेज गेंदबाज़ ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में निश्चित रूप से कई बड़े मुकाम हासिल कर लिए होते. क्रिकेटर के तौर पर बेहद छोटा सा इतिहास रहा इनका. मात्र 5 रणजी और एक टेस्ट सीज़न. मेजर जनरल राव आज़ाद भारत की उस क्रिकेट टीम में खेले जिसके पहले कप्तान लाला अमरनाथ थे.
मेजर जनरल जोगिन्दर सिंह राव ने 1963 में सेना की टीम की तरफ से खेलते हुए उत्तरी पंजाब की टीम की दूसरी इनिंग में 30 रन देकर सात विकेट चटकाए थे उनमें दो हैट्रिक थीं. जोगिन्दर सिंह राव से पहले 1907 में आस्ट्रेलियन गेंदबाज़ अल्बर्ट एडविन ट्राट ही ऐसे क्रिकेटर थे जिसने एक ही इनिंग में दो हैट्रिक लगाने का रिकार्ड बनाया. हालांकि अलग अलग इनिंग्स में दो हैट्रिक बनाने वाले 8 आठ गेंदबाज़ ज़रूर हैं.
कलाई में फ्रेक्चर से क्रिकेट छूटा लेकिन इस पैदायशी खिलाड़ी मेजर जनरल जोगिन्दर सिंह राव के खेल प्रेम को कतई चोट नहीं पहुंची. उन्होंने गोल्फ को इस कदर अपनाया कि न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसे खेला बल्कि इसके विकास में भी योगदान याद रखने लायक है. दिल्ली छावनी और देहरादून स्थित गोल्फ मैदान का नया डिजायन उन्हीं की देन है. उनका ही नहीं, उनका परिवार भी गोल्फ से गहरा जुड़ा हुआ है. उनकी पत्नी नंदिता राव गोल्फर होने के साथ साथ भारतीय गोल्फ यूनियन की महिला समिति की चेयरपर्सन हैं और उनके बेटे प्रोबीर और राहुल गोल्फर हैं. राहुल तो जूनियर और सब जूनियर गोल्फ चैम्पियन भी रहे.
सत्रह साल की उम्र में एनडीए, देहरादून में भर्ती हुए जोगिन्दर सिंह राव यानि जे एस राव ने 1967 से 1969 तक बाम्बे सैपर्स की 411 फील्ड कम्पनी कमांड की थी. 16 अक्टूबर 1938 में गुरुग्राम (तब पंजाब राज्य का गुडगाँव) में जन्मे जोगिन्दर सिंह राव ने 1994 में अपने जन्मदिन से 13 दिन पहले बीमारी के दौरान दिल्ली में प्राण त्यागे.