नए साल पर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट जनरल स्तर पर नई तैनातियां

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लेफ्टिनेंट जनरल आर सी तिवारी ने पूर्वी कमांड की कमान संभाली .
भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट जनरल स्तर के कई अधिकारियों को नई नियुक्तियां  मिलीं हैं. इस तरह से भारतीय सेना ( indian army ) की विभिन्न कमांड को नए जीओसी मिले हैं . यह अधिकारी हैं लेफ्टिनेंट जनरल आर सी तिवारी , लेफ्टिनेंट जनरल नागेन्द्र सिंह , लेफ्टिनेंट जनरल प्रीत पाल सिंह और लेफ्टिनेंट जनरल नवीन सचदेवा.

पूर्वी कमान :
लेफ्टिनेंट जनरल राम चंद्र  तिवारी को भारतीय सेना की पूर्वी कमान का कमांडर नियुक्त किया गया है. पूर्वी कमान  यानि ईस्टर्न कमांड  (eastern command) भारतीय सेना की  6  ऑपरेशनल कमांड्स में से एक है.  इसका मुख्यालय  ( headquarters) भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के कोलकाता शहर में फोर्ट विलियम में है. भारतीय सेना की  पूर्वी कमान का गठन 1 नवंबर 1920 को हुआ था और इस  कमान का प्रमुख  जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ यानि जीएओसी ( GOC) शीर्षक के साथ  तीन सितारा रैंक का अधिकारी होता है .
वर्तमान सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे , उनसे पहले सेनाध्यक्ष रहे मनोज मुकुंद नरवणे से लेकर फील्ड मार्शल केएम करियप्पा तक भारत के कई सेनाध्यक्ष ईस्टर्न कमांड की कमान संभाल चुके हैं.

ईस्टर्न कमांड हमेशा से ही सामरिक तौर पर महत्वपूर्ण रही है. इसके कार्य क्षेत्र में पश्चिम बंगाल से लेकर पूर्वोत्तर के राज्य आते हैं. इनकी सीमा बांग्लादेश , भूटान और चीन  को छूती है .

चेतक कोर के नए जीओसी :
लेफ्टिनेंट जनरल  नागेन्द्र सिंह ( lt gen  nagendra singh ) को भारतीय सेना की चेतक कोर की कमांड सौंपी गई है जोकि सेना की 10 वीं कोर है . लेफ्टिनेंट जनरल नागेन्द्र सिंह ने पंजाब रेजीमेंट में कमीशन हासिल किया था. उनको लेफ्टिनेंट जनरल संजीव राय ने 31 दिसंबर 2023 को चेतक कोर की कमांड सौंपी. लेफ्टिनेंट जनरल संजीव राय ने सिख लाइट इन्फेंट्री  ( sikh light infantry ) में कमीशन हासिल किया था.
चेतक कोर भारतीय  सेना की दक्षिण पश्चिम कमांड के क्षेत्र में है और इसका  मुख्यालय पंजाब के बठिंडा में है . चेतक कोर का गठन 1 जुलाई 1979 को किया गया था. इसका कार्यक्षेत्र पंजाब और राजस्थान है . लेफ्टिनेंट जनरल एम एल तुली इसके पहले जीओसी थे.
लेफ्टिनेंट जनरल नागेन्द्र सिंह को भारतीय सेना की चेतक कोर की कमान सौंपी गई

भारतीय इतिहास में शानदार योद्धा रहे महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक के नाम से प्रभावित होकर सेना की 10 वीं कोर का नाम चेतक कोर रखा गया है . प्रसिद्ध हल्दीघाटी के युद्ध में भी महाराणा प्रताप चेतक पर सवार थे.

 वाइट नाईट कॉर्प्स के नए जीओसी :
लेफ्टिनेंट जनरल नवीन सचदेवा को भारतीय सेना की वाइट नाईट कॉर्प्स  ( white knight corps ) का कमांडर बनाया गया है जो  भारतीय सेना की 16 वीं  कोर है. लेफ्टिनेंट जनरल संदीप जैन ने लेफ्टिनेंट जनरल नवीन सचदेव को 16 कोर का कार्यभार सौंपा . इस कोर को  1 जून 1972 को लेफ्टिनेंट जनरल जे एफ आर जैकब के साथ इसके पहले जनरल ऑफिसर कमांडिंग  ( GOC) के रूप में बनाया गया था. यह पाकिस्तान से ऐतिहासिक 1971 के युद्ध के बाद हुआ था. जनरल जैकब उस 1971 के युद्ध के नायकों में से थे. इस युद्ध में पाकिस्तान की बड़ी पराजय हुई थी और उसकी सेना को आला अधिकारियों के साथ भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण करना पड़ा था . जनरल जैकब बाद में भारत के पंजाब राज्य के राज्यपाल भी रहे.

लेफ्टिनेंट जनरल नवीन सचदेवा को भारतीय सेना की वाइट नाईट कॉर्प्स का कमांडर बनाया गया.

वाइट नाईट कॉर्प्स  का मुख्यालय  जम्मू कश्मीर के नगरोटा छावनी में है.  2005 में इस कोर में बदलाव हुआ जब इसके दक्षिणी क्षेत्र को 9 वीं कोर में शामिल किया गया .  इसकी  दो डिवीजनों का अधिग्रहण किया गया था.

सुदर्शन वाइट नाईट कॉर्प्स  :

लेफ्टिनेंट जनरल प्रीत पाल सिंह ने लेफ्टिनेंट जनरल विपुल शिन्घल से सुदर्शन  कॉर्प्स की कमान ली. कमान लेने के बाद अपने सन्देश में उन्होंने तमाम रैंक्स को ऑपरेशनल तैयारी पर ध्यान केन्द्रित रखने को कहा. उन्होंने सैनिकों से कहा कि वह अपना जोश कायम रख्ने.

लेफ्टिनेंट जनरल प्रीत पाल सिंह ने लेफ्टिनेंट जनरल विपुल शिन्घल से सुदर्शन कॉर्प्स की कमान ली.
श्री कृष्ण के सुदर्शन चक्र से प्रेरित सुदर्शन कोर भारतीय सेना की 21 वीं कोर है. यह सबसे पुरानी कोर में से एक है जिसका गठन 1917 – 18 में पहले विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश शासन काल में हुआ था. यह दक्षिणी कमांड का हिस्सा है . जनरल एन सी विज और लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अत हसनैन इसके प्रमुख लोकप्रिय कमांडरों में से रहे हैं .